हैलो मैं ED का अफसर बोल रहा हूं! झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ कई राज्यों को धमकाकर वसूली करने वाला शातिर गैंग पकड़ाया, चार अफसरों से ठग चुका था लाखों
रांची/रायपुर। झारखंड सहित कई राज्यों में इन दिनों ED की कार्रवाई चल रही है। कई अफसर और कारोबारी ED के शिकंजे में है। ऐसे में सेंट्रल एजेंसियों की चल रही कार्रवाई के बीच कुछ ऐसे गिरोह भी सक्रिय हो गये हैं, जो ED और CBI का डर दिखाकर अफसरों और कारोबारियों को ठगने का काम कर रहे हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार सहित आधा दर्जन राज्यों में अफसरों से ठगी करने वाला एक ऐसा शातिर गिरोह छत्तीसगढ़ पुलिस के चंगुल में फंसा है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस गैंग ने छत्तीसगढ़ में प्रदूषण विभाग के दो अफसरों से 10.60 लाख की ठगी की थी। वहीं के आबकारी विभाग में पदस्थ अफसर को भी कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे की डिमांड की थी। छत्तीसगढ़ में चार अफसरों से ठगी करने से इस गैंग ने झारखंड में भी कुछ कारोबारी और अफसरों को ठगा है।
दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा एक अफसर की रिपोर्ट के आधार पर हुआ। जिस पर पुलिस ने तहकीकात की और दो शातिर को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लायी। दरअसल छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के एक अफसर के पास 16 मई को ED का अफसर बताकर एक शख्स ने फोन किया। फोन पर कथित अफसर ने कहा कि उसे कुछ जानकारियां चाहिए। आबकारी विभाग को उस फर्जी ईडी अफसर ने पूछा कि उपायुक्त आबकारी कौन है, अभी हाल ही में रिटायर्ड उपायुक्त कौन है उनका मोबाईल नंबर पूछने के साथ ही एस.एन. साहू व रमेश अग्रवाल कौन है उनका मोबाईल नंबर पूछा, जिस पर प्रार्थी द्वारा उक्त सभी जानकारियां एवं उनका मोबाईल नंबर अज्ञात व्यक्ति को दिया गया। जिसके बाद अंत में व्यक्ति ने प्रार्थी को कहा कि आप श्री क्षेत्री, ज्वाइंट डॉयरेक्टर प्रवर्तन निदेशालय सेंट्रल जोन नागपुर से उनके मोबाईल नंबर 9561225697 से संपर्क कर लें।
जिस पर प्रार्थी द्वारा कार्यालय के दूरभाष से मोबाईल नंबर 9561225697 पर संपर्क किया गया, तब उसके द्वारा कहा गया कि वह अपने मोबाईल नंबर से उसके मोबाईल नंबर पर बात करें, कि प्रार्थी द्वारा अपने मोबाईल फोन से श्री क्षेत्री के मोबाईल नंबर 9561225697 पर संपर्क किया गया। जिस पर उसके द्वारा कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय को आपके विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जांच ई.डी., आयकर विभाग, ई.ओ. डब्ल्यू, ए.सी.बी एवं सी.वी.सी. से करायी जायेगी। आप जवाब दे कि क्या करना है, उसके द्वारा उपरोक्त बातें बार-बार दोहराई गई तब प्रार्थी द्वारा कहा गया कि इस संबंध में आपके द्वारा जांच कर ली जायें, जिससे उसके द्वारा पुनः कहा गया कि आपका क्या कहना है। अन्यथा प्रकरण वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी जायेगी, उसके द्वारा यह भी कहा गया कि आप चाहें तो आपका प्रकरण समाप्त हो सकता है, जिसके लिये आपको मुझे पैसे देने होंगे एवं प्रार्थी को धमकाकर पैसों की मांग करने लगा। अंत में प्रार्थी द्वारा कहा गया कि इस संबंध में आपके द्वारा जांच कर ली जायें, जिसके पश्चात् व्यक्ति द्वारा फोन काट दिया गया। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना राखी में अपराध क्रमांक 117/23 धारा 419, 384 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
इसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण मण्डल नवा रायपुर में पदस्थ दो अधिकारियों के द्वारा 18 मार्च को मोबाईल नं. 9561225697 के धारक ने फोन कर अपना नाम एर्श्वय क्षेत्री तथा स्वयं को ई.डी. का अधिकारी होना बताकर, कहा गया कि उनके विरूद्ध ईडी एवं ईओडब्ल्यू. में संपत्ति संबंधी शिकायत है जिसकी जांच मेरे द्वारा की जा रहीं है। अगर आपको शिकायत जांच कार्यवाही से बचना है तो दोनों मेरे पास पृथक – पृथक 5,30,000/- रूपये कुल 10,60,000/- रूपये अमरावती भेज दो कहकर धमकी देने लगा। जिस पर दोनों ने 10,60,000/- रूपये अपने परिचितों के माध्यम से अमरावती (महाराष्ट्र) में उक्त मोबाईल नंबर के धारक विकास क्षेत्री को दिये। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना राखी में अपराध क्रमांक 119/23 धारा 419, 384 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। आरोपी ने जिन मोबाईल नंबरों से प्रार्थियों के मोबाईल नंबरों व कार्यालय के दूरभाष नंबरों में फोन कर बातचीत की थी, उन नंबरों का तकनीकी विश्लेषण किया गया। लोकेशन के आधार पर एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना राखी पुलिस की संयुक्त टीम को महाराष्ट्र के अमरावती रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा अमरावती पहुंचकर आरोपी की पतासाजी करते हुए प्रकरण में संलिप्त आरोपी अश्वनी भाठिया एवं निशांत इंगडे को हिरासत में लिया गया। प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर टीम के सदस्यों द्वारा आरोपियों से उक्त घटनाओं के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा उक्त घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी निशांत इंगडे इंटरनेट के माध्यम से देश के अलग – अलग राज्यों व जिलों में पदस्थ उच्चाधिकारियों का मोबाईल नंबर व उनके कार्यालय का लैण्ड लाईन नंबर प्राप्त कर लेता था तथा आरोपी अश्वनी भाठिया उन्हीं मोबाईल/लैण्ड लाईन नंबरों में फोन कर स्वयं को ई.डी., ई.ओ. डब्ल्यू., आयकर विभाग एवं ए.सी.बी का अधिकारी होना बताकर पीड़ितों को अपने झांसे व भरोसे में लेता था, चूंकि आरोपी अश्वनी भाठिया अंग्रेजी भाषा में फ्लुयेंट बात करने के साथ ही एक उच्चाधिकारी की तरह बात करता था, जिससे पीड़ित आसानी से उसका शिकार बन जाते थे एवं उसकी बातों से डर जाते थे। आरोपी अश्वनी भाठिया ऐसे लोगों से रूपयों की मांग कर उन्हें रूपये लेकर अमरावती (महाराष्ट्र) के दुरस्थ स्थानों में बुलाता था तथा वह निशांत इंगडे के साथ जाकर पीड़ितों से रूपये प्राप्त करता था।
आरोपियान द्वारा छत्तीसगढ़ एवं म.प्र. के अलावा बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कनार्टक एवं दिल्ली सहित देश भर के अलग – अलग राज्यों के अलग – अलग जिलों में कई उच्चाधिकारियों को अपना शिकार बनाकर उन्हें डरा धमकाकर लाखों रूपये की उगाही करने के प्रयास किये जा चुके है। जिसमें अब तक ज्ञात जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ के 04 अधिकारियों एवं म0प्र0के 01 अधिकारी से लाखों रूपयों की उगाही की जा चुकी है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटनाओं में प्रयुक्त 04 नग मोबाईल फोन एवं 04 नग सिम कार्ड जप्त कर आरोपियों का पुलिस रिमाण्ड लेकर अग्रिम कार्यवाही की जा रहीं है। आरोपियों का ई.डी. सहित उक्त अन्य शासकीय जांच ऐजेंसियों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। ना ही इनका उक्त ऐजेंसियों में पदस्थ किसी भी अधिकारी से कोई परिचय या संपर्क है। पुलिस ने इस मामले में अश्वनी भाठिया अमरावती (महाराष्ट्र) और निशांत इंगडे थाना पथरौल जिला अमरावती (महाराष्ट्र)।