झारखंड ब्रेकिंग: शिक्षकों की भर्ती को लेकर हेमंत कैबिनेट का बड़ा फैसला, माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के 8900 पदों का प्रत्यर्पण….
Jharkhand Breaking: Hemant Cabinet's big decision regarding recruitment of teachers, repatriation of 8900 posts of teachers in secondary schools....

Jharkhand Teacher : झारखंड में शिक्षक भर्ती को लेकर हेमंत कैबिनेट की बैठक में आज अहम फैसला लिया है। कैबिनेट ने झारखंड में सहायक आचार्य के पदों के सृजन का फैसला लिया है। कैबिनेट ने झारखंड में माध्यमिक शिक्षक के पीजीटी के 250 और टीजीटी के 8650 संवर्ग के 8900 पदों का प्रत्यर्पण कर दिया है।
उसकी तुलना में राज्य सरकार ने 1373 माध्यमिक आचार्यों के पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। इसका आशय जो फिलहाल समझ आ रहा है, उसके मुताबिक राज्य सरकार ने माध्यमिक स्कूलों में 8900 शिक्षकों के पद खत्म करते हुए, उसकी तुलना में माध्यमिक आचार्यों के पदों का सृजन किया है। हालांकि इस मामले में अभी विस्तृत जानकारी आने के बाद ही स्थिति साफ हो जायेगी।
क्या है आचार्य पद को लेकर नियम
झारखंड के शिक्षा विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत अब राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों, साथ ही अल्पसंख्यक विद्यालयों में ‘सहायक शिक्षक’ नहीं, बल्कि ‘सहायक आचार्य’ की नियुक्ति की जाएगी। लेकिन इस बदलाव में सबसे बड़ा झटका संभावित शिक्षकों को वेतनमान में मिली कटौती के रूप में लगा है।
झारखंड में अब स्कूलों में शिक्षको जहां पहले इंटर प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को 9300-34800 वेतनमान व ग्रेड पे 4200 के तहत लगभग ₹45,500 प्रतिमाह वेतन मिलता था, वहीं अब नए ‘सहायक आचार्य’ पद के लिए 5200-20200 वेतनमान व ग्रेड पे 2400 निर्धारित किया गया है, जिससे उनका वेतन केवल ₹26,000 प्रतिमाह रह जाएगा।
एक ही स्कूल, दो वेतन:
इस नए नियम से अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। एक ही विद्यालय में पहले से कार्यरत शिक्षक ₹45,500 वेतन ले रहे हैं, जबकि उसी विद्यालय में नई नियुक्ति पाने वाले ‘सहायक आचार्य’ को ₹26,000 में काम करना होगा। इससे नए अभ्यर्थियों में भारी असंतोष है और वे सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
नियुक्ति तिथि से नहीं मिलेगा वेतन:
इससे भी अधिक निराशाजनक पहलू यह है कि अब नए आचार्यों को नियुक्ति की तिथि से वेतन नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग ने 7 जून 2022 से प्रभावी सेवाशर्त नियमावली 2022 लागू की है, जिसके तहत वेतन भुगतान प्री-पोजिशन स्टेटमेंट (प्रथम वेतन निर्धारण प्रपत्र) के अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। पहले यह वेतन नियुक्ति की तिथि से ही मिल जाया करता था।