बजट की राशि भी पूरा खर्च नहीं कर पाती है हेमंत सरकार, सिर्फ 5 विभागों में ही 50 फीसदी से ज्यादा राशि हो पायी है खर्च
रांची। बेरोजगारी और नियमितिकरण की मांगों पर घिरी हेमंत सरकार बजट की राशि भी पूरी नहीं खर्च कर पाती है। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड सरकार सालाना बजट से मात्र 44.19 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पाई है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य का योजना बजट कुल 57 हजार 259 करोड़ है. इसमें से अब तक मात्र 25 हजार 350 करोड़ 52 लाख रुपए ही खर्च किए जा सके हैं। जाहिर है बमुश्किल तीन महीने में 50 फीसदी से ज्यादा रकम खर्च कर पाना संभव नहीं है। बजट खर्च ना होने की वजह से पिछले दिनो हुई बैठक में सभी विभागों को योजना मद की राशि के उपयोग में तेजी लाने का निर्देश दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक मात्र चार विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने वित्तीय वर्ष की तीन तिमाही में 50 फीसदी से ज्यादा की रकम खर्च की है। हालांकि ऊर्जा विभाग ने 96.22, महिला बाल विकास ने 71.54, आदिवासी कल्याण विभाग ने 67.10 और पथ निर्माण विभाग ने 51.22 व साक्षरता विभाग ने 53.73 फीसदी राशि खर्च की है।
राज्य में गंभीर सूखा संकट के बावजूद कृषि विभाग अपनी बजट की राशि का उपयोग नहीं कर सका। कृषि विभाग को सरकार ने बजट में कुल 3600 करोड़ की राशि आवंटित की थी। 31 दिसंबर तक विभाग मात्र 464.78 करोड़ रुपए यानी 12.91 फीसदी रकम ही खर्च कर पाया।
गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग की स्थिति तो और भी बुरी है। लक्ष्य की तुलना में सिर्फ 4.49 फीसदी राशि खर्च की है। इसी तरह पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने 22.90, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग ने 27.70, ग्रामीण विकास ने 33.67, खाद्य आपूर्ति विभाग ने 30.04 और शहरी विकास एवं आवास विभाग ने 23.91 फीसदी राशि खर्च की है।