हेमलाल मुर्मू दिलाएंगे JMM को जीत! 39 सालों से एक ही परिवार कर रहा था राज.. पार्टी का उठा भरोसा
Hemlal Murmu will bring victory to JMM! Only one family was ruling for 39 years.. Party lost confidence
पाकुड़। जिले का लिट्टीपाड़ा विधानसभा इन दिनों राज्य भर की सुर्खियों में है। एक तरफ जहां मुख्य टक्कर बीजेपी से jmm में गए हेमलाल मुर्मू है तो दूसरी तरफ jmm से बीजेपी में गए दिनेश मरांडी मैदान में है उनके साथ पूर्व से बीजेपी के उम्मीदवार बाबूधन मुर्मू भी है।
पिछले 44 सालों से लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र झामुमो का अभेद किला माना जाता है. साल 1980 में झामुमो ने पहली बार लिट्टीपाड़ा से जीत दर्ज की थी. उसके बाद से अब तक लिट्टीपाड़ा विधानसभा में झामुमो का ही झंडा बुलंद रहा है.
इस विधानसभा सीट पर झामुमो और भाजपा में ही सीधी टक्कर होती है लेकिन अब तक भाजपा झामुमो को पीछे नहीं छोड़ पायी है। जबकि 2019 में बीजेपी ने बड़े बड़े महारथी को प्रचार में लगाया था। उसके वावजूद जीत हासिल नहीं कर पाई।
इस क्षेत्र में जारी 39 साल तक साइमन मरांडी के परिवार का दबदबा रहा। पहले साइमन मरांडी फिर उनकी पत्नी सुशीला हांसदा, फिर उसके बेटे दिनेश मरांडी अब तक कमान संभाल चुके है और jmm का झंडा बुलंद किए है।2014 की चुनाव में अनिल मुर्मू JMM के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते.
उसके बाद 2017 के उपचुनाव में फिर से साइमन परिवार का इस सीट पर दबदबा बन गया. इस विधानसभा सीट से साइमन मरांडी पांच बार विधायक बने. वहीं उनकी पत्नी सुशीला हांसदा चार बार विधायक रहीं और साल 2019 के विधानसभा चुनाव में साइमन मरांडी के बेटे दिनेश विलियम मरांडी विधायक बने.
भाजपा ने इस क्षेत्र में नये प्रत्याशी के रूप में पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बाबुधन मुर्मू को अपना प्रत्याशी बनाया है. हालांकि सीटिंग विधायक का टिकट काटे जाने की चर्चा जोरों पर है।परंतु अब निर्दलीय नामांकन के बाद बीजेपी ने शामिल होने की खबर ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
दिनेश मरांडी झामुमो के कद्दावर नेता रहे दिवंगत साइमन मरांडी के बेटे हैं.झामुमो ने दिनेश मरांडी की जगह भाजपा से झामुमो में आये हेमलाल मुर्मू को अपन प्रत्याशी बनाया है.
इससे एक ओर जहां दिनेश मरांडी के समर्थकों में नाराजगी है।परंतु क्षेत्र में ये भी चर्चा आम है कि एक ही परिवार ने करीब 4 दशक तक नेतृत्व संभाला पर क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया। इनके बगावती तेवर से पार्टी नेतृत्व ने दिनेश मरांडी को पार्टी से बाहर भी कर दिया है।