..यहां स्कूल में मुर्दा भी पढ़ाते हैं :….मृत शिक्षक तो छोड़िये, बिना छुट्टी महीनों आराम फरमा रहे कई शिक्षकों को हर महीने वेतन दे रहा विभाग… विभाग ने BEO को नापा…
जांजगीर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को “मुर्दा” भी पढ़ाते हैं। सुनकर आपको हैरत जरूर हो रही होगी, लेकिन ये हकीकत है…छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में एक ऐसे घोटाले का खुलासा हुआ है कि सुनकर आपके भी रौंगटे खड़े हो जायेंगे। पूरा मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के अकलतरा ब्लाक का है। यहां मृत शिक्षकों के नाम पर महीनों तक वेतन का भुगतान विभाग ने किया। खुलासा होने के बाद अब विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। वहीं मामले में एक BEO (ब्लाक एजुकेशन आफिसर) को सस्पेंड कर दिया गया है।
एक मृत शिक्षक के नाम पर वेतन का भुगतान होता, तो समझ में आता कि मानवीय चूक से ये वेतन का भुगतान हो गया होगा, लेकिन एक-दो नहीं, चार-चार मृत शिक्षक के नाम पर विभाग ने महीनों तक लाखों रुपये वेतन का भुगतान किया गया। हद तो ये है कि सिर्फ मृत शिक्षक के नाम पर ये घोटाला नहीं किया गया, बल्कि वैसे शिक्षक जो महीनों से अस्पताल में भर्ती हैं या फिर साल भर तक बेड रेस्ट पर हैं, उनके नाम पर भी बिना छुट्टी स्वीकृति के ही महीनों तक वेतन का भुगतान हुआ है।
इस घोटाले की जांच में कई और चौकाने वाली भी जानकारी हुई है। हालांकि इतना बड़ा घोटाला सिर्फ एक BEO के बस की बात नहीं थी, लेकिन पूरे मामले में बीईओ को ही बलि का बकरा बनाया गया है। अब इस मामले में BEO अकलतरा को स्कूल शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। जांजगीर के अकलतरा BEO वेंकट रमन प्रताप सिंह पाटले के खिलाफ कई गंभीर आरोपों की शिकायत हुई थी। शिक्षा विभाग की तरफ से करायी गयी जांच में कई गंभीर अनियमितता की पुष्टि हुई है।
आरोपों के मुताबिक बीईओ वेंकट रमन सिंह अकलतरा के 4 शिक्षकों की मृत्यु के बाद भी उनका वेतन भुगतान जारी रखा। जानकारी के मुताबिक मृत्यु के बाद भी शिक्षकों को वेतन के रूप में 5 लाख 98 हजार रुपये का भुगतान किया गया।
वहीं लकवा पीड़ित प्रधान पाठक संतोष कुमार बीमारी की वजह से 449 दिन अनुपस्थित रही, जिसमें से 62 दिन की छुट्टी स्वीकृत हुई, जबकि 387 दिन वो अनुपस्थित रहे, बावजूद उनका वेतन अनुपस्थिति के बावजूद दिया जाता रहा।
यही नहीं लकवा पीड़ित एक और शिक्षक लक्ष्मी प्रसाद भी 97 दिन छुट्टी पर थे, जिसमें से 86 दिन की छुट्टी स्वीकृत हुई, जबकि 11 दिन की छुट्टी अस्वीकृत रही। उसी तरह से 82 दिन का भैषिजक अवकाश का उल्लेख है, लेकिन कोई छुट्टी स्वीकृत नहीं है। अनुपस्थिति के बावजूद वेतन और भत्ता का भुगतान किया गया।
एक्सीडेंट में घायल शिक्षक लवकुमार कश्यप का उसी तरह से बिना अवकाश स्वीकृत हुए महीनों तक वेतन भत्ते का भुगतान होता रहा। सस्पेंशन पीरियड में बीईओ वेंकट रमन को जेडी कार्यालय बिलासपुर अटैच किया गया है।