हाईकोर्ट नाराज: समय पर जवाब नहीं दिए जाने से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, राज्य सरकार पर लगाया 5000 का जुर्माना
रांची । झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर पांच हजार का जुर्माना लगाया है। सोमवार को सेवानिवृत्त असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (एसीएफ) उमाकांत राम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें सरकार पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। पिछली बार कोर्ट द्वारा अंतिम मौका दिए जाने के बाद भी प्रतिवादी वन सचिव, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, रीजनल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (बोकारो) की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया।
सोमवार यानी 28 नवंबर को एक बार फिर मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछले बार ही सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया गया था। लेकिन इस बार भी जवाब दाखिल नहीं किया गया। यह ठीक नहीं है । नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की राशि जमा करने के साथ सरकार जवाब दाखिल करें। जुर्माना कि यह राशि झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी में जमा करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला
बता दें कि उमाकांत राम फरवरी 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट नहीं मिला है। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग की है। इस याचिका पर हाईकोर्ट में कई बार सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जवाब पेश करने को कहा था। लेकिन सरकार की ओर से बार-बार जवाब के लिए समय की मांग की गई। इसके बावजूद भी जवाब नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने सरकार पर जुर्माना लगाया है।