हाईकोर्ट : स्वास्थ्य विभाग की भर्ती पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक, पदों को जोड़कर नये सिरे से निकाला जायेगा विज्ञापन
High Court: High Court has put a stay on the recruitment of Health Department, advertisement will be issued afresh by adding the posts

Health Department Vacancy : स्वास्थ्य विभाग में हो रही नियुक्ति पर ग्रहण लगता दिख रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। दरअसल बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा 2969 लैब तकनीशियन पदों भर्ती प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
अब संशोधित पदों के लिए दोबारा से पूरी प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे बहाली में देरी तय मानी जा रही है। फिलहाल बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) ने सोमवार को आदेश जारी कर स्वास्थ्य विभाग के अधीन 2969 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक पटना हाई कोर्ट ने बहाली प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाते हुए 10 अप्रैल तक राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेश कुमार ने 2 अप्रैल को आयोग को पत्र लिखकर बहाली प्रक्रिया पर विराम लगाने को कहा था। आयोग ने 3 मार्च 2025 को विज्ञापन संख्या 2/25 के तहत इन पदों के लिए आवेदन मंगाए थे और आवेदन की अंतिम तिथि 1 अप्रैल 2025 थी।
क्या है पूरा मामला?
इससे पहले बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने कुल 2969 पदों में से सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोके गए 610 पदों को भी शामिल कर लिया था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने इन पर स्थगन लगा रखा है। अब इन 610 पदों को हटाकर शेष 2359 पदों पर पुनः नवीन रोस्टर के अनुसार प्रक्रिया शुरू करनी होगी।इस निर्णय से न केवल बहाली प्रक्रिया में देरी होगी, बल्कि सैकड़ों अभ्यर्थियों को भी लंबे इंतजार का सामना करना पड़ सकता है।
कोरोना वॉरियर्स की मायूसी
कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत संविदा पर नियुक्त 810 लैब तकनीशियनों को सेवा से हटा दिया गया था। ये तकनीशियन अगस्त 2020 से जून 2024 तक लगातार सेवाएं देते रहे। उस समय NHM में 982 स्वीकृत पद खाली थे, और इन कर्मियों को स्थायी नियुक्ति में वरीयता देने का आश्वासन दिया गया था।अब जब नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से शुरू हो रही है, तो हटाए गए कर्मियों की मांग है कि पूर्व स्वीकृत 982 पदों पर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जाए।