तुपुदाना थाना इंचार्ज मीरा सिंह द्वारा विकास सिंह से मारपीट मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई , पूछा – अब तब FIR दर्ज क्यों नहीं…

रांची । हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट ने राज्य सरकार को विकास कुमार के पीटे जाने से संबंधित हटिया डीएसपी द्वारा की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट समेत विस्तृत रिपोर्ट 4 सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि मामले में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी इस संबंध में केस क्यों नहीं रजिस्टर किया गया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 जून निर्धारित की है. हाईकोर्ट तुपुदाना की थाना इंचार्ज मीरा सिंह द्वारा विकास सिंह से मारपीट मामले की सुनवाई के दौरान ये बात कही।

FIR दर्ज नहीं, कोर्ट ने जताया आश्चर्य

प्रार्थी की ओर से बताया गया कि ऑनलाइन एफआईआर करने के बाद भी मीरा सिंह के खिलाफ केस रजिस्टर नहीं किया गया. कोर्ट को बताया कि मीरा सिंह जब खूंटी में पदस्थापित तो उस समय उन्हें विजिलेंस की टीम ने 15000 रुपए घूस लेते पकड़ा था, जिसमें वह निलंबित भी हुई थी. निलंबन के बाद उनका पदस्थापन तुपुदाना थाना में हुआ था, वहां भी गौ तस्करी में इनका नाम सुखियों में था. वही सुनवाई के दौरान मामले प्रतिवादी नहीं होने के बावजूद मीरा सिंह की ओर से इस केस में उपस्थित होते हुए वकालतनामा दायर किया गया. जिसका प्रार्थी के अधिवक्ता ने विरोध किया. प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा मीरा सिंह इस मामले में प्रतिवादी नहीं है फिर उनकी ओर से कैसे वकालतनामा फाइल किया गया.

क्या है मामला

प्रार्थी के अधिवक्ता अभय मिश्रा की ओर से कोर्ट को बताया गया की चोरी के केस में विकास कुमार की तुपुदाना की थाना इंचार्ज मीरा सिंह ने शक के आधार पर जमकर पिटाई की थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. हालत इतनी गंभीर थी कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल से छूटने के बाद उसने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज किया था.

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जिसमें उसने कहा था कि बिना किसी कारण उसे पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. प्रार्थी की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस संबंध में उनकी ओर से आईजी ह्यूमन राइट्स, ह्यूमन राइट्स, पी के पास भी आवेदन दिया गया था. डीजीपी के निर्देश पर डीएसपी हटिया के नेतृत्व में एक कमेटी बनी थी जिसने मामले की जांच की और विकास कुमार के साथ मारपीट की घटना को सही पाया. लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई मीरा सिंह के खिलाफ नहीं हुई.

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