पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रामधीर सिंह की ताउम्र की सजा हाईकोर्ट ने रखी बरकरार

रांची : बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष व सिंह मेंशन के मजबूत स्तंभ रामधीर सिंह को जेल में ही रहना होगा। उनकी ताउम्र की सजा को झारखंड हाईकोर्ट ने बहाल रखा है। विनोद सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह छह साल सात महीने से रांची होटवार जेल में बंद हैं। उनकी अपील बेल पर सुनवाई पूरी करते हुए बुधवार को जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार ने रामधीर के आजीवन कारावास की सजा को सही ठहराया और उनकी अपील की याचिका को खारिज कर दिया।

आपको बता दें, विनोद सिंह हत्याकांड में बीते 25 अगस्त को झारखंड हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रामधीर सिंह की अपील पर सुनवाई पूरी कर ली थी जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि इस केस के फैसले को उसी दिन से 14 कार्यदिवस के भीत आने की संभावना जताई जा रही थी. वहीं आज सुरक्षित रखे फैसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी है. और उनके ताउम्र सजा को बरकरार रखा है.

25 अगस्त को ही दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 15 जुलाई 1998 को कतरास हटिया शहीद भगत सिंह चौक के पास मजदूर नेता सकलदेव सिंह के भाई विनोद सिंह व उनके चालक मन्नू अंसारी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दोनों को मौत के घाट उतार दिया गया था। 18 अप्रैल 2015 को रामधीर की गैर मौजूदगी में धनबाद के सत्र न्यायालय ने विनोद सिंह और उनके चालक की हत्या में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 22 महीने फरार रहने के बाद 20 फरवरी 2017 को रामधीर ने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था। अब रामधीर हाईकोर्ट फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं।

रामधीर की सजा बहाल रहने से सिंह मेंशन को तगड़ा झटका लगा है। उनके भतीजे व झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के जेल में बंद रहने के कारण स्व. सूर्यदेव सिंह का सिंह मेंशन का कई कुनबों चुका है। सिंह मेंशन और रघुकुल में पहले से ही विवाद चल रहा है। रामधीर सिंह के जेल में रहते उनकी पत्नी व धनबाद के प्रथम मेयर इंदू देवी भी मेंशन से अगल रह रहीं हैं। वहीं सुरेश सिंह की हत्या में नाम आने के बाद यानी सात दिसंबर 2011 से रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह भी फरार है। इंदू संजीव सिंह की मां व झरिया की पूर्व विधायक कुंती देवी की गोतनी के साथ सगी बहन भी हैं, लेकिन पिछले दिनों नगर निगम चुनाव के लिए मेयर की सीट महिला के लिए रिजर्व होने के बाद दोनों बहनें आमने-सामने आ गई थीं

HPBL Desk
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