Holika Dahan 2025: घर में जरूर लानी चाहिए होलिका की राख, जिंदगी में मिलते हैं इतने सारे लाभ

Holika Dahan 2025: होलिका दहन के साथ ही होली के रंगीन और उल्लासपूर्ण पर्व की शुरुआत होती है। इस बार होलिका दहन 13 मार्च को मनाया जा रहा है। होली का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। वहीं रंगों की होली, जिसे धुलंडी, धुलेटी या धूलिवंदन भी कहा जाता है, वह होलिका दहन के अगले दिन मनाई जाती है।
Holika Dahan 2025:होलिका दहन का महत्व और विधि
होलिका का दहन राक्षसी शक्तियों के अंत और पुण्य की शुरुआत को दर्शाता है। इस दिन लोग एकत्रित होकर एक बड़ा अलाव जलाते हैं, जिसे होलिका कहा जाता है, और इस अलाव के चारों ओर खुशी और उल्लास के साथ लोक गीत गाते हैं और गुलाल लगाते हैं। होलिका दहन के बाद बची हुई राख को घर में लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह राख न केवल घर को अशुभ शक्तियों से मुक्त करती है, बल्कि व्यक्ति की सेहत और समृद्धि के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।
Holika Dahan 2025:होलिका की राख से लाभ
मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति को ग्रह पीड़ा हो, तो होलिका दहन के समय देशी घी में भीगी लौंग के दो जोड़े और एक बताशा, एक पान के पत्ते पर रखकर होली की अग्नि में डाल देना चाहिए। इसके बाद अगले दिन होली की राख लाकर उसे शरीर पर तेल की तरह लगाना और एक घंटे बाद हल्के गर्म पानी से स्नान करना फायदेमंद होता है। इस उपाय से ग्रह पीड़ा से मुक्ति मिलने की संभावना होती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह भी मान्यता है कि होलिका की राख को शरीर पर लेप करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रोगों से राहत मिलती है। इसके साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Holika Dahan 2025:- होलिका दहन के दिन सुबह हींग के पानी से कुल्ला करने से दिन की शुरुआत शुभ होती है।
– होलिका दहन के दिन हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
– होलिका दहन के दिन प्रातः काल पितरों का स्मरण करने से घर में शांति और समृद्धि रहती है।
– होलिका दहन के समय अग्नि में अपने ऊपर से लौंग उतार कर डालने से बाधांए दूर होती हैं।
– होलिका दहन के दिन हनुमान जी पर चोला और भैरव जी पर तेल चढ़ाना भी फलदायी होता है।