मंईयां सम्मान पर झामुमो-बीजेपी में छिड़ा ट्विटर वार, बीच में कैसे पिस गई मध्य प्रदेश सरकार!

Twitter war broke out between JMM and BJP over Mainiya Samman, how Madhya Pradesh government got caught in the middle!

मंईयां सम्मान पर बीजेपी और झामुमो में ट्विटर वार छिड़ गया है. बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि मंईयां सम्मान योजना की लिस्ट से 18 लाख लाभुकों का पत्ता काट दिया गया है, वहीं जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मध्य प्रदेश का उदाहरण सामने रख दिया जहां कथित तौर पर लाडली बहना योजना के बजट में कटौती की गयी है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि चुनाव पूर्व 56 लाख महिलाओं को मंईयां सम्मान का लाभ देने का वादा करने वाली हेमंत सोरेन सरकार ने केवल 38 लाख महिलाओं के खाते में पैसे भेजे हैं. 18 लाख महिलाओं को विभिन्न कारणों का हवाला देकर योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया है. इस संबंध में बाबूलाल मरांडी ने आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. अब जवाब में झामुमो ने सवाल कर लिया है कि बीजेपी ने कितनी महिलाओं को सम्मान योजना से जोड़ा है.

झामुमो ने गोगो दीदी योजना का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव के दौरान तथाकथित फर्जी योजना का फॉर्म भरवाया गया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में भाजपा सरकारों ने महिला सम्मान के नाम पर विश्वासघात किया है.

मध्य प्रदेश में योजना की राशि में कटौती का दावा
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने चुनाव से पहले लाडली बहना योजना लॉन्च की थी. इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में पहले 1200 रुपये और फिर 1500 रुपये प्रतिमाह ट्रांसफर किए गए थे. लाभुकों को उम्मीद थी कि चुनाव बाद उनको 2100 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

झारखंड में महिलाओं को मिली 3 माह की राशि
अभी हाल ही में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपनी महात्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों को 3 महीने की राशि एकमुश्त भेजना शुरू किया है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि लाभुकों की संख्या में कमी की गई है. पहले जहां करीब 57 लाख महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया वहीं, अब केवल 38 लाख महिलाओं के खाते में ही योजना की राशि भेजी गयी है. गौरतलब है कि चुनाव बाद विभाग की ओर से सभी जिलों में उपायुक्त को यह निर्देश दिया गया था कि वे मंईयां सम्मान योजना के सही लाभुकों की पहचान करें. प्रखंड विकास पदाधिकारियों को भी फर्जी लाभुकों की पहचान का निर्देश दिया गया था.

झारखंड में भी लाभुकों की संख्या में कटौती का आरोप
झारखंड में विधानसभा चुनाव से 3 महीने पहले मंईयां सम्मान योजना लॉन्च की गई थी. प्रारंभिक तौर पर इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाने थे. महिलाओं को नवंबर में छठ महापर्व तक 1-1 हजार रुपये की 4 किश्तें दी गई. चुनाव से पहले आखिरी कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐलान किया था कि चुनाव बाद महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. मौजूदा बजट में इस योजना के लिए 13,363 रुपये का प्रावधान किया गया है.

मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में संचालित है ऐसी योजना
इसी तरह की योजना अन्य राज्यों में भी संचालित है. मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना चल रही है. महाराष्ट्र में माझी लाडकी बहिन योजना संचालित है. छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं के खाते में डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजे जाते हैं. ओडिशा में सुभद्रा योजना है. दिल्ली में भी महिलाओं को प्रतिमाह नगद राशि देने की योजना शुरू की गयी है. हालांकि, इन सभी राज्यों में सरकार पर आरोप लगे हैं कि चुनाव बाद योजना के लाभुकों और बजट में कटौती की गयी है.

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