IAS अफसर की पत्नी के पास मिला अकूत 'खजाना' 150 करोड़ की प्रॉपर्टी ! आइलैंड में प्लॉट और करोड़ों की FD, ED भी हैरान
मुंबई। कोबिड की आपदा को अवसर में भुनाने वाले IAS संजीव जयसवाल पर ED ने शिकंजा कस दिया है। 38 करोड़ रुपये के कोविड जंबो सेंटर घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने दावा किया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजीव जयसवाल की इसमें अहम भूमिका थी। एजेंसी ने उनके बांद्रा (पूर्व) आवास पर छापा मारा है। उनके आवास से 13 लाख रुपये नकद और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए हैं. इसके अलावा अधिकारी की 100 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य संपत्तियों पर छापा मारा है। जिसमें मड द्वीप में आधा एकड़ जमीन भी शामिल है।
जांच के दौरान ईडी को पता चला कि संजीय जायसवाल की पत्नी (Sanjeev Jaiswal IAS Wife) और उनके पास 24 संपत्तियां हैं। आईएएस की पत्नी के नाम पर मध द्वीप पर आधा एकड़ का प्लॉट भी मिला है। इसके अलावा कई फ्लैट भी सामने आए हैं। प्रॉपर्टी का मूल्य 34 करोड़ रुपये है। इसके अलावा ईडी को आईएएस की पत्नी के नाम पर 15 करोड़ रुपये की एफडी भी मिली है।
जांच एजेंसी को 150 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की 50 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इन प्रॉपर्टीज के अलावा 15 करोड़ रुपये के कई अन्य जगह हुए निवेश के कागजात भी मिले हैं। ईडी ने सस्पेक्ट के यहां से कई एफडी और 2.46 करोड़ रुपये कीमत के आभूषण भी जब्त किए हैं। 68.65 लाख रुपये कैश भी मिले हैं। गुरुवार को ईडी की टीम ने भायखला में बीएमसी के सेंट्रल परचेज डिपार्टमेंट (सीपीडी) का दौरा किया, ताकि कोविड-19 के दौरान स्वीकृत अनुबंध से संबंधित खरीद दस्तावेजों की जांच की जा सके। ईडी ने सांसद संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर की पार्टनरशिप फर्म लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज को दिए गए ठेकों से संबंधित दस्तावेजों की जांच भी की।
पता चला है कि सीपीडी के माध्यम से बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सभी खर्च होते हैं। कोविड काल के दौरान इसी विभाग के माध्यम से चिकित्सा उपकरण खरीदे गए थे। ईडी ने गुरुवार को आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल को भी पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन वह जांच टीम के सामने नहीं पहुंचे। वह कोरोना काल के दौरान बीएमसी में अडिशनल कमिश्नर थे। आईएएस अधिकारी संजीव जयसवाल के आवास पर ED ने तलाशी ली।