मानवता तार तार : 22 दिनों से आंदोलनरत कर्मी को जब धरना स्थल पर ही होने लगी प्रसव पीड़ा...

गिरिडीह । स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सहिया का आंदोलन जारी है।इस दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। इन सब के बीच जिला के बगोदर और सरिया प्रखंड के सहियाओं का धरना सोमवार को 22वें दिन भी जारी रहा. अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर सहियाओं ने अनिश्चितकालीन धरना दे रहे है।

क्या है मांग

सहियाओं के द्वारा सहिया कोड और लंबित मानदेय का भुगतान किए जाने की मांग की जा रही है. अनिश्चितकालीन धरना पर बैठी सहियाओं का कहना है कि बगोदर और सरिया प्रखंड के 76 सहियाओं का चयन चार साल पहले किया गया है, लेकिन अबतक कोड नहीं दिया गया है. इसके कारण सहियाओं को मानदेय के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।

सहिया ने दिया बच्चे को जन्म

जिले की मानवता उस वक्त तार तार हो गई जब इतने दिनो से धरना पर बैठीं सहियाओं ने बच्चे को जन्म दिया। सहिया ने बताया की उनके सामने भी काफी समस्याएं हैं, लेकिन धरना देने को मजबूर हैं. इस धरने के बीच ही दो प्रेग्नेंट सहियाओं ने बच्चे को जन्म दिया है. प्रेग्नेंट सहियाएं धरना पर थीं और उन्हें जब प्रसव पीड़ा होने लगा तब उन्हें बगोदर सीएचसी में भर्ती कराया गया था, फिर सहियाओं ने बच्चों को जन्म दिया था. धरना पर बैठीं सहियाओं के सामने खुले में शौच जाने की भी लाचारी है. इसके अलावा बिजली कटने पर अंधेरे में रात बिताने की मजबूरी भी है.

इन मांगों को लेकर इसके पहले भी सहियाओं के द्वारा दो बार धरना दिया जा चुका है, लेकिन अबतक अधिकारियों और प्रतिनिधियों के द्वारा कोड से वंचित सहियाओं को सिर्फ आश्वासन ही मिला है. ऐसे में सहियाओं का अधिकारियों और प्रतिनिधियों के आश्वासन पर से विश्वास उठता जा रहा है. सहियाओं का कहना है कि अब वे आश्वासन पर धरना समाप्त नहीं करेंगी. इसके लिए उन्हें जबतक धरना पर बैठना पड़ेगा, वे बैठने के लिए तैयार हैं. कोड और मानदेय का मामला समाधान होने के बाद ही अब वे धरना से उठेंगीं.

HPBL Desk
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