ख्रीस्त राजा का पर्व मनाने गिरजाघर में शामिल हुए सैंकड़ों लोग…एडवेंट संडे 27 को

पटना ख्रीस्त राजा का पर्व पटना के गिरजाघर मे मनाया गया। कोरोना काल के बाद बड़े उल्लास के साथ ये पर्व मनाया गया हैं। यह पर्व ईशा मसीह को राजा के रूप मे ईसाई गण स्वीकार करते हैं कि ईशा मसीह धरती के नही, बल्कि स्वर्ग के राजा के रूप मे स्वीकार करते हैं।

आज 20 नवंबर को ख्रीस्त राजा का पर्व मनाया जा रहा है। मसीही विश्वासी जुलूस निकाला जाता है। जुलूस अलग-अलग मार्गों से होते हुए चर्च पहुंचकर समाप्त होती है। ये पर्व साल के अंतिम रविवार को मनाते हैं। साल के अंतिम रविवार को यीशु राजा के रूप में लोगों के बीच निकलते हैं,और सभी को प्रेम शांति भाईचारा का संदेश देते हैं। ताकि लोगों को खुशियों की सौगात मिल सके।

जुलूस समाप्ति के बाद चर्च में मिस्सा बलिदान होता है। फादर ने बताया कि यह खुशियों का पर्व है। इस दिन पुरोहित लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं और उनका ड्रेस कोड लाल होता है। धार्मिक कैलेंडर के अनुसार साल के अंतिम यानी 34 वें रविवार को ख्रीस्त राजा का पर्व मनाया जाता है।

इसके बाद नया कैलेंडर वर्ष शुरू हो जाता है। यह खुशियों का पर्व है। इस दिन पुरोहित लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं और उनका ड्रेस कोड लाल होता है धार्मिक कैलेंडर के अनुसार साल के अंतिम यानी 34 वें रविवार को ख्रीस्त राजा का पर्व मनाया जाता है। इसके बाद नया कैलेंडर वर्ष शुरू हो जाता है।
विश्वभर में मनाया जाता है त्योहार
धर्म से भटके हुए लोगों में ईश्वर के प्रति श्रद्धा विश्वास बढ़ाने के लिए पोप पाइस इलेवन ने रोम में ख्रीस्त राजा के पर्व की शुरुआत की थी। तभी से यह पर्व पूरे विश्व में नवंबर के तीसरे सप्ताह में मनाया जाता है।

क्रिसमस के पहले चार रविवार को मनाया जाता है एड्वेंट संडे
क्रिसमस से पहले पड़ने वाले चार रविवार को एड्वेंट संडे (आगमन रविवार) के रूप में मनाया जाता है। पहली 27 नवंबर, दूसरे आगमन रविवार की आराधना 4 दिसंबर, तीसरी 11 दिसंबर, चौथा 18 दिसंबर को होगी।

उन्होंने कहा कि इस मौके पर शहर के सभी चर्च में दूसरे संडे की प्रार्थना यूथ संडे के रूप में होगी। इस मौके पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। जिसमें समाज के सभी लोग शामिल होंगे।