IAS छवि रंजन के ठिकानों पर छापा, मास्टर बेडरूम…अलग-अलग दरवाजे…हाईटेक अलमीरे….. जानिये क्यों रहा है IAS छवि रंजन का विवाद से नाता

रांची। IAS अफसर छवि रंजन के ठिकानो पर ED की छापेमारी ने ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा दिया है। पहले पूजा सिंघल और अब छवि रंजन पर दबिश के बाद कयास है कि जल्द ही कुछ और अफसरों के ठिकानों तक ईडी की टीम पहुंच सकती है। इससे पहले देर शाम करीब साढ़े सात बजे ईडी की कार्रवाई छवि रंजन के ठिकानों पर खत्म हुई। झारखंड कैडर के 2011 बैच के IAS अधिकारी छवि रंजन अपने कारनामों के कारण शुरू से ही विवादों में रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, जमशेदपुर के कदमा स्थित छवि रंजन के आवास पर ईडी की टीम नोट गिनने वाली मशीन के साथ पहुंची है. बताया जा रहा है कि छवि रंजन ने अपने मास्टर बेडरूम के फ्लैट के अंदर स्पेशल सेफ्टी (तीन अलग-अलग दरवाजा) का इंतजाम किया था. ईडी की टीम ने आदित्यपुर स्थित उनके रिश्तेदार को यहां बुलाकर फ्लैट को खुलवाया है. बता दें कि रिश्तेदार फ्लैट का केयरटेकर भी था.

आपको बता दें कि कदमा थाना अंतर्गत मिलकित होटल के बगल में लोंगिया एनक्लेव में रांची के पूर्व उपायुक्त रहे छवि रंजन के फ्लैट पर लगातार ईडी की छापेमारी चल रही है. वहीं छवि रंजन के पिता आरडी पंडित के घर में सुबह 6:30 बजे ईडी की टीम पहुंची थी. वही छवि रंजन के पिता एक महीना पहले से ही कहीं बाहर गए हुए हैं, तो आदित्यपुर स्थित उनके करीबी को बुलाकर ईडी ने फ्लैट खुलवाया.

कई विवादों में रह चुके हैं आईएएस

2021 में एक संवेदक ने हथियार का लाइसेंस देने के बदले पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन आयुक्त और रांची के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी। हालांकि बाद में वह इससे मुकर गया।

छवि रंजन को महंगी शराब से लेकर कीमती मोबाइल तक उपहार के तौर पर मिले हैं। उन्होंने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार मंत्रालय को दाखिल सूची में इसका उल्लेख किया है।अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के लिए हर वर्ष ब्योरा देना अनिवार्य है। छवि रंजन ने मंत्रालय को दी गई जानकारी में स्वीकार किया है कि शराब की बोतलें, महंगे आइफोन से लेकर कैमरा, टैब, लकड़ी के बने बेड और डायनिंग टेबल उन्हें उपहार में मिले हैं।

2015 में कोडरमा में उपायुक्त के पद पर तैनाती के दौरान मरकच्चो जिला परिषद डाकबंगला परिसर में लगे पेड़ों को काटने का आदेश देने का आरोप छवि रंजन पर लगा था। यह मामला विधानसभा में उठा तो खूब हंगामा हुआ। आरोपों के कारण राज्य सरकार ने उनका स्थानांतरण कर दिया गया था।

रांची में उपायुक्त के पद पर तैनाती के दौरान जमीन के दलालों और माफिया से मिलीभगत के आरोप छवि रंजन के खिलाफ लगे। सेना की जमीन की फर्जी खरीद-बिक्री मामले में तत्कालीन आयुक्त की जांच रिपोर्ट में भी इनके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी की गई थी।

झारखंड विधानसभा के पिछले साल बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर रांची के विधायक और झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीपी सिंह ने सनसनी फैला दी थी। छवि रंजन उस वक्त रांची के उपायुक्त थे। सीपी सिंह ने आरोप लगाया था कि वे हथियार का लाइसेंस देने के लिए पैसे लेते हैं। इसपर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ।

HPBL Desk
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