IAS Manish Ranjan Biography In hindi: आईएएस मनीष रंजन की जीवनी
IAS Manish Ranjan Biography In hindi: झारखंड के चर्चित टेंडर कमीशन घोटाले के बाद नौकर से पीएस, पीएस से मंत्री और अब मंत्री से सेकरेट्री जाता दिख रहा है। टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी ने अब IAS मनीष रंजन को तलब किया है। हालांकि ये पहले से ही तय हो गया था कि मंत्री के बाद अब जांच की आंच अधिकारियों तक भी पहुंचेगी। अब ED ने उसी कड़ी में एक और कदम बढ़ा दिया है। आईएएस मनीष रंजन को समन एक और बड़े घोटाले की तरफ बढ़ते कदम की तरफ इशारा कर रहा है। ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव आइएएस मनीष रंजन को समन किया है। उनसे 24 मई को पूछताछ होगी। मनीष रंजन वर्तमान में भू-राजस्व सड़क व भवन निर्माण विभाग में सचिव हैं। ईडी ने जो पेपर कोर्ट में प्रस्तुत किया था उसे एम कोड वर्ड का जिक्र था। चर्चा है कि एम कोड का इस्तेमाल मनीष रंजन के लिए था। ईडी ने मनीष रंजन की तरफ इशारा तो किया है, लेकिन इसकी हकीकत तो पूछताछ के बाद ही सामने आ पायेगी।
कौन है मनीष रंजन ( IAS Manish Ranjan Biography In hindi)
डॉ मनीष रंजन 2002 बैच के IAS अफसर है। मनीष रंजन IAS टॉपर रहे हैं और उन्हें डायरेक्टर गोल्ड मेडल भी हासिल है। झारखंड राज्य के छह जिलों में उपायुक्त रहे मनीष रंजन को अपने उत्कृष्ट कार्य और नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री की ओर से लगातार दो वर्षों तक मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार और राष्ट्रपति की ओर से निर्मल ग्राम पुरस्कार मिल चुका है। भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आइएएस डा मनीष रंजन का जन्म 10 जुलाई 1975 को हुआ। वह झारखंड कैडर के 2002 बैच के आइएएस हैं। मनीष रंजन मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। सारण में 1975 में जन्मे मनीष रंजन नेतरहाट से पढ़ाई की है।
जबकि कालेज उन्होंने पटना से की। है। 1996 में उन्होंने हिंदू कालेज से सोशोलाजी से ग्रेजुएशन किया। मनीष रंजन ने कई विदेशी यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई पूरी की है। आईएएस बनने से पहले वो नेशनल डेयरी डिपार्टमेंट, आनंद, एनडीडीबी, पुणे में सहायक कार्यकारी के रूप में काम किया। उन्हे साल 2000 और 2002 में प्रधानमंत्री अवार्ड से भी नवाजा गयाहै। मनरेगा में शानदार काम के लिए उन्हें ये अवार्ड दिया गया था। मनीष रंजन ने एक फिल्म में अभिनय भी किया है, जिसका नाम था याद रखेंगे आप। इस फिल्म में उन्होंने आईपीएस चंद्रभान का रोल किया है। वो हजारीबाद, देवघर, लातेहार, खूंटी सहित छह जिलों में डीसी रह चुके हैं।
IAS मनीष रंजन से जुड़ी खास बातें-
- मनीष रंजन खूंटी में उपायुक्त रह चुके हैं। वर्ष 2015 से अप्रैल 2017 तक माध्यमिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निदेशक रहे हैं।
- वर्ष 2008 और 2009 में डा मनीष रंजन को प्रधानमंत्री से पुरस्कार मिल चुका है। वह देवघर व पाकुड़ में मनरेगा में उत्कृष्ट कार्य कर चुके हैं।
- वर्ष 2007 में भारत के राष्ट्रपति ने भी मनीष रंजन को पुरस्कृत किया था। लातेहार के अलौदिया पंचायत को प्रथम पूर्ण स्वच्छ पंचायत बनाने हेतु।
- मनीष रंजन एक बढ़िया लेखक भी हैं। उनकी कई किताबें बाजार में आ चुकी हैं। इसकी खूब सराहना भी हो चुकी है। पुस्तकें बेस्ट सेलिंग रही हैं।
- मनीष रंजन ने दसवीं बोर्ड और इंटर की पढ़ाई बिहार से की। बिहार बोर्ड और इंटर परीक्षा में वह टापर रह चुके हैं। बचपन से ही मेधावी रहे हैं।
- मनीष रंजन ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली गए। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की है। वह समाजशास्त्र में टापर रह चुके हैं।
- आइएएस मनीष रंजन ने प्रबंधन और वाणिज्य विषय में वर्ष 2007 में झारखंड के चर्चित रांची यूनिवर्सिटी से शोध पूरा किया है और डाक्टर बने।
नाटक मंचन व ग्रामीण विकास में शुरू से रूचि
डा मनीष रंजन का जन्म बिहार के सारण जिले में हुआ। वह झारखंड के नेतरहाट स्कूल के छात्र रह चुके हैं। बिहार के पटना से भी उनका गहरा रिश्ता रहा है। वह नाटकों में भी बेहद दिलचस्पी रखते हैं। कालेज लाइफ में वह कई नाटकों के प्रदर्शन में भाग ले चुके हैं। गुजरात स्थित ग्रामीण प्रबंधन संस्थान से वह ग्रामीण प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं। ग्रामीण विकास में उनकी काफी रूचि रहती है।
आइएएस मनीष रंजन की प्रकाशित पुस्तकें
- डिसीजन मेकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग- प्रकाशक- मैकग्रा हिल।
- संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल - प्रकाशक - पियर्सन।
- CSAT खंड एक - प्रकाशक - सेंगेज लर्निंग।
- CSAT खंड दो - प्रकाशक - सेंगेज लर्निंग।
- झारखंड का सामान्य ज्ञान - प्रकाशक - प्रभात पेपरबैक।
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