IAS को फ्लाइट से नीचे उतारा, फ्लाइट में बैठ चुके थे, लेकिन उड़ान भरने की नहीं मिली इजाजत, जानिये पूरा मामला
मुंबई। IAS संजीव जायसवाल को फ्लाईट से नीचे उतार दिया। कोविड सेंटर घोटाला मामले में आरोपी IAS संजीव जायसवाल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है। जांच के बीच महाराष्ट्र के शीर्ष नौकरशाह संजीव जयसवाल को कोलंबो जाने से रोकते हुए विमान से उतार दिया गया। विमान में अपनी पत्नी के साथ मौजूद जयसवाल ने दावा किया कि उन्हें राज्य सरकार से विदेश जाने की अनुमति थी, लेकिन जांच एजेंसी द्वारा जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) के आधार पर उन्हें उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई।
दरअसल, पिछले महीने बीएमसी में कोविड सेंटर घोटाला मामले में तलाशी के दौरान ईडी ने आईएएस अधिकारी और उनकी पत्नी के पास 24 संपत्तियां (लगभग 100 करोड़ रुपये) पाई थी, जिनमें से ज्यादातर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने 15 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी के रिकॉर्ड वाले दस्तावेज भी जब्त किए थे। जब्त दस्तावेजों के स्पष्टीकरण में संजीव जयसवाल ने कहा था कि लगभग 34 करोड़ रुपये की संपत्ति और एफडी उनके ससुर, जो एक सेवानिवृत्त नौकरशाह हैं, ने उनकी पत्नी को उपहार में दी थी।
ईडी ने जायसवाल सहित कुछ लोगों से जुड़े 15 ठिकानों पर 21 जून को छापे मारे थे। जायसवाल बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर सेवाएं दे चुके हैं।एक अधिकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने छापों के दौरान 2.4 करोड़ रुपये के आभूषण, 68 लाख नकद और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज इकट्ठे किए थे।उन्होंने बताया कि जायसवाल को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया था। इससे पहले भी ईडी ने उन्हें तलब किया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।ईडी ने कोविड केंद्रों से संबंधित मामले की जांच के तहत पिछले सप्ताह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के करीबी कहे जाने वाले सुजीत पाटकर के आवास पर छापे मारे थे।एक अधिकारी ने पहले कहा था कि पाटकर और उसके तीन साझेदारों पर महामारी के वक्त अस्थायी अस्पतालों के प्रबंधन का अनुबंध गलत तरीके से हासिल करने का आरोप है।