कैंसर को पहचानें : आवाज में आने लगे बदलाव, तो हो सकता है कैंसर, इन 10 लक्षणों से पहचाने कैंसर को

Voice cancer causes, symptoms and treatment : कैंसर जानलेवा बीमारी है। चिंता की बात ये है कि कैंसर का पता तब चलता है, जब ये तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच जाता है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि कैंसर सहित तमाम गंभीर बीमारी शरीर में इसके संकेत पहले से देने लगते हैं। कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। अगर कंठ या स्वरयंत्र कैंसर, स्वरयंत्र (वॉयस बॉक्स) में होने वाला एक गंभीर कैंसर है। जो लोग धूम्रपान करते हैं या बहुत अधिक शराब पीते हैं, उनमें ऑरोफरीन्जियल कैंसर विकसित होने की आशंका 30 गुना अधिक होती है।

पुरुषों में गले के कैंसर के विभिन्न प्रकारों के विकसित होने की आशंका महिलाओं की तुलना में अधिक पाई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में वैसे तो गले के कैंसर का जोखिम कम होता है, हालांकि कुछ स्थितियां आपमें इसका खतरा बढ़ा सकती हैं, जिनको लेकर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।

स्वर यंत्र गले में स्थित एक महत्वपूर्ण अंग है जो आपको सांस लेने और बोलने में मदद करता है। आवाज में बदलाव कंठ के कैंसर का सबसे आम लक्षण है।सामान्यतौर पर गले और मुंह के कैंसर को एक ही समझ लिया जाता है, जबकि यह दोनों अलग-अलग प्रकार के हैं। गले का कैंसर, गले (ग्रसनी) या वाइस बॉक्स (स्वरयंत्र) में विकसित होता है। हमारे शरीर में स्वरयंत्र गले के ठीक निचले हिस्से में होता है, जो गले के कैंसर के लिए अतिसंवेदनशील माना जाता है।

वॉयस बॉक्स कार्टिलेज से बना होता है और इसमें वोकल कॉर्ड होते हैं जो बात करते समय आवाज करने के लिए कंपन करते हैं। अगर आपको अपने आवाज में लंबे समय से कुछ असामान्य सा बदलाव महसूस होता आ रहा हो तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें, यह भी कैंसर का संकेत माना जाता है। आइए आगे इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

सिर और गर्दन के कैंसर का इतिहास: लगभग 4 में से 1 (25%) लोग जिन्हें सिर और गर्दन का कैंसर हुआ है, उन्हें यह दोबारा हो जाएगा।

गले के कैंसर के लक्षण

मेडिकल रिपोर्ट्स बताते हैं कि गले के कैंसर की स्थिति में लोगों में कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, जिनका बड़ी सावधानी से निगरानी करते रहना आवश्यक है। आमतौर पर ये लक्षण अन्य समस्याओं से मिलते-जुलते हो सकते हैं जिसके कारण लोगों को भ्रम हो जाता है।

  • भोजन को निगलने में परेशानी (डिस्फेगिया)
  • वजन कम होते रहना।
  • अक्सर गला खराब रहना।
  • आवाज में असामान्य रूप से बदलाव महसूस होना।
  • गला साफ करते रहने की निरंतर आवश्यकता महसूस होना।
  • लगातार खांसी और खांसी के साथ खून आना।
  • गर्दन में सूजन की समस्या
  • घरघराहट की दिक्कत
  • आपकी गर्दन या गले में गांठ
  • आवाज़ निकालने में परेशानी (डिस्फ़ोनिया)।
  • कान का दर्द।

किन लोगों में कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा

  • धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन।
  • सुपारी चबाना और गुटखा चबाने की आदत।
  • शरीर का वजन अधिक होना।
  • वृद्धजनों विशेषकर 50 की आयु के बाद इसका जोखिम बढ़ जाता है।
  • फैंकोनी एनीमिया या डिस्केरटोसिस कोजेनिटा होना जैसी आनुवंशिक सिंड्रोम की समस्या।
  • ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) का संक्रमण होना।
  • मौखिक स्वच्छता का ध्यान न रखना।
HPBL Desk
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