यह अपमान नहीं है तो और क्या है ? सरायकेला खां बस स्टैंड का नाम बिरसा मुंडा करने पर हेमंत सोरेन भड़के, कहा.. क्या ..

If this is not an insult then what is? Hemant Soren got angry on changing the name of Sarai Kale Khan bus stand to Birsa Munda, said.. what..

Jharkhand News: दिल्ली में सरायकेला खां बस स्टैंड का नाम बिरसा मुंडा बस स्टैंड किए जाने पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाराजगी जतायी है। उन्होंने इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लेने के लिए कहा है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर शुक्रवार को सराय काले खां बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का मौका था। उनकी जयंती पर जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

 

 

हेमंत सोरेन ने कहा कि ये है वह बस स्टॉप – वह चौक जिसका नाम हमारे भगवान बिरसा मुंडा पर रखा गया है। यह अपमान नहीं है तो और क्या है ?क्या राजधानी दिल्ली में हम आदिवासियों के आराध्य के सम्मान के लिए, उनके प्रतिष्ठा एवं हमारी आस्था के अनुरूप क्या कोई और उपयुक्त स्थान नहीं था ? क्या सेंट्रल विस्टा का नाम हमारे भगवान पर नहीं रखा जा सकता था ?

 

 

हेमंत सोरेन ने आगे लिखा है कि यह झारखंडियों समेत देश के सभी आदिवासियों/मूलवासियों का अपमान है। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं की इस कदम को तुरंत वापस ले – और हमारे भगवान हमारे नायक को उनके प्रतिष्ठा, हमारे आस्था के अनुकूल स्थान दें।

 

कौन थे सूफी संत थे काले खां

काले खां 14वीं शताब्दी के सूफी संत थे। वह शेरशाह सूरी के समय में ही हुए थे। जानकारी के मुताबिक मुगल शासन काल में दिल्ली स्थित इस आश्रय स्थल यानी सराय के साथ उनका नाम काले खां जोड़ दिया गया और इसके साथ ही यह सराय काले खां के नाम से जाना जाने लगा। दिल्ली में सराय काले खां दक्षिण पूर्वी के तहत आता है। सराय काले खां के आस-पास के इलाके निजामुद्दीन, जंगपुरा, खिजराबाद, जंगपुरा एक्सटेंशन और लाजपत नगर हैं।

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