बीबी को तलाक देना है तो 5 करोड़ दो, सुप्रीम कोर्ट ने तलाक मंजूर करते हुए दिया आदेश, बेटे के लिए भी 1 करोड़ देने का आदेश
If you want to divorce your wife, give Rs 5 crore, Supreme Court approves divorce, orders to give Rs 1 crore for son also
Court News: सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के मामले की सुनवाई के दौरान पति को 5 करोड़ देने का निर्देश दिया है। पत्नी को 5 करोड़ रुपए का स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में पति देगा। सुप्रीम कोर्ट ने पति से कहा कि वो अपने बच्चे के भरण-पोषण और देखभाल के पितृत्व दायित्व को भी ध्यान में रखे। कोर्ट ने कहा कि पिता अपने वयस्क बेटे के भरण-पोषण और वित्तीय सुरक्षा के लिए 1 करोड़ रुपए का प्रावधान करें।
दरअसल, मामला प्रवीण कुमार जैन और उनकी पत्नी अंजू जैन के तलाक का है। प्रवीण कुमार जैन और अंजू जैन विवाह के बाद 6 साल तक साथ रहे थे. इसके बाद करीब 20 साल से दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। प्रवीण ने आरोप लगाया कि अंजू क्रूर है। वह उनके परिवार के साथ उदासीनता से पेश आती थी. दूसरी ओर अंजू ने आरोप लगाया था कि प्रवीण का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं था।
पति-पत्नी लंबे समय से अलग रह रहे थे। उनके पास वैवाहिक दायित्वों को निभाने का कोई अवसर नहीं था. इसे देखते हुए कोर्ट ने माना कि विवाह का अर्थ, लगाव और नाता पूरी तरह से टूट चुका है. इसके बाद कोर्ट ने तलाक को इन शर्तों पर मंजूरी दे दी।
पत्नी को 5 करोड़ रुपए गुजारा भत्ता दें- सुप्रीम कोर्ट
हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस केस में पति दुबई में एक बैंक के CEO के रूप में काम कर रहा है और उसका वेतन लगभग 10 से 12 लाख रुपये प्रति माह है। वहीं पत्नी बेरोजगार है। इसलिए एक मुश्त राशि के रूप में 5 करोड़ की राशि देना सही रहेगा।
बेटे के लिए 1 करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एकमुश्त गुजारे भत्ता राशि इस तरह से तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित न किया जाए बल्कि इसके जरिये पत्नी के लिए सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित हो। इस केस में भले ही बेटा वयस्क हो गया हो और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर चुका हो लेकिन तब भी उसकी देखभाल की जिम्मेदारी पिता की बनती है। आज के प्रतिस्पर्धी वक़्त में इंजीनियरिंग की डिग्री रोजगार की गांरटी नहीं है। ऐसे में बेटे के लिए अलग से 1 करोड़ की रकम की व्यवस्था करना बेहतर होगा।