झारखंड: 200 एकड़ जमीन हेराफेरी में अंचलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की मिलीभगत” बाबूलाल मरांडी के आरोप से चढ़ा सियासी पारा
Jharkhand: Babulal Marandi's allegation of "collusion from the Circle Officer to the Chief Minister's Office in the 200 acre land scam" raises political temperature

रांची: बाबूलाल मरांडी के एक बयान ने प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कांके के भुईहरी जमीन का मुद्दा उठाते हए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि .. कि “सिर्फ एक कंप्यूटर ऑपरेटर के दम पर 200 एकड़ जमीन की हेराफेरी संभव नहीं है। इस खेल में अंचलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की मिलीभगत है।”
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला बोलते हुए आदिवासी भुईहरी जमीन की हेराफेरी का गंभीर मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि रांची जिले के कांके अंचल स्थित चामा गांव में आदिवासी भूमि की प्रकृति को बदलकर उसे बेचे जाने का कार्य सत्ता के संरक्षण में किया जा रहा है।
मरांडी ने आरोप लगाया कि उन्होंने स्वयं चामा गांव जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की और जमीन की हेराफेरी से जुड़ी वास्तविक स्थिति की जानकारी ली। इस पूरे मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांके अंचल की कई जमीनों पर INDI गठबंधन से जुड़े नेताओं और भू-माफियाओं की नज़र है, जो सत्ता का दुरुपयोग कर रैयती, भुईहरी, पहनाई और गैर मजरुआ जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।
बरियातू इलाके में भी भुईहरी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है, जिसमें बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सीधी संलिप्तता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “सिर्फ एक कंप्यूटर ऑपरेटर के दम पर 200 एकड़ जमीन की हेराफेरी संभव नहीं है। इस खेल में अंचलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक की मिलीभगत है।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर जमीन की प्रकृति कैसे बदली जा सकती है और किसके आदेश पर यह काम हुआ? मरांडी ने सरकार से मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।