झारखंड में बेरोजगारों पर फिर मुसीबत: एक और नियुक्ति का मामला पहुंचा हाइकोर्ट, युवाओं को मिलेगी नौकरी या यूं ही चली जाएगी उम्र!
Trouble again for the unemployed in Jharkhand: Another appointment case reached the High Court, will the youth get jobs or will their life pass away like this!

Jharkhand Highcourt news: झारखंड की विडंबना भी अजीब है। बेरोजगारों के लिए हतप्रभ करने वाला है। एक तो नौकरी मिलती नहीं, दूसरी नौकरी की विज्ञापन आती है मामला कोर्ट की का हो जाता है।साथ ही जिस विज्ञापन की परीक्षा हो जाती है उसका पर्चा ही लीक हो जाता है।जो जांच के घेरे में वर्षो तक झूलती रहती है।
मामा सेनेटरी सुपरवाइजर के नियुक्ति से जुड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसकी शैक्षणिक योग्यता पर आपत्ति के बाद मामला हाइकोर्ट पहुंच गया है।
झारखंड नगरपालिका सेवा संवर्ग रूल को चुनौती देनेवाली प्रार्थी मधुमिता विश्वास व अन्य की याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई.
मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया. दरअसल, प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि झारखंड नगरपालिका सेवा संवर्ग रूल में सेनेटरी सुपरवाइजर की नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गयी है.
जबकि प्रार्थी का कहना है कि डिग्री की पढ़ाई कही नहीं होती है. वहीं जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन की शर्त के तहत अभ्यर्थी नहीं मिले, जिसके चलते सेनेटरी सुपरवाइजर का पद खाली रह गया है.