राजस्व उप निरीक्षक व सहायक सस्पेंड, कंप्यूटर आपरेटर बर्खास्त, जमीन रजिस्ट्री फर्जीवाड़े मामले में बड़ी कार्रवाई
गढ़वा : भवनाथपुर अंचल के कैलान गांव में गलत भू-धारण प्रमाणपत्र निर्गत करने व जमीन की रजिस्ट्री करने के मामले में डीसी शेखर जमुआर ने भवनाथपुर अंचल पदाधिकारी, अंचल निरीक्षक, सहायक, अवर निबंधक नगर ऊंटारी व कंप्यूटर ऑपरेटर के विरूद्ध कारवाई की है। भवनाथपुर अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक बंशी कुमार पाठक व सहायक अमित केरकेट्टा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि में अमित केरकेट्टा का मुख्यालय अंचल कार्यालय कांडी व राजस्व उपनिरीक्षक का मुख्यालय अंचल भंडरिया निर्धारित किया गया है।उक्त मामले में नगर ऊंटारी अवर निबंधन कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर रौशन तिवारी को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
वहीं भवनाथपुर के प्रभारी अंचल निरीक्षक इंतखाब आलम के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करते हुए प्रपत्र क गठित करने का आदेश अनुमंडल पदाधिकारी नगर ऊंटारी को दिया गया है। उसके अलावे भवनाथपुर सीओ रामाशंकर श्रीवास्तव एवं कार्यपालक दांडाधिकारी सह अवर निबंधक नगर ऊंटारी अजय कुमार तिर्की पर कार्रवाई करने की अनुशंसा राजस्व विभाग के सचिव से की गयी है।
भवनाथपुर अंचल की ओर से कैलान गांव के 2.80 एकड़ प्रतिबंधित भूमि के निबंधन मामले में कैलान गांव के पुराने खाता संख्या 01 प्लॉट 981, नया खाता 10, प्लॉट संख्या 2141 रकबा 0.34 एकड़ तथा पुराना खाता संख्या 01, में प्लॉट संख्या 1404, नया खाता 10, प्लॉट संख्या 2142, रकबा 2.46 एकड़ जमीन का एलपीसी निर्गत किया गया था। दूसरी बार में इसी जमीन का एलपीसी जब निर्गत किया गया, तब सिर्फ नया खाता संख्या दर्शाया गया। एलपीसी में पुराने खाते को छुपा दिया गया। जांच में पाया गया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पुराने खाते में उक्त जमीन को प्रतिबंधित सूची में डाला गया था।
उसमें अवर निबंधन कार्यालय नगर ऊंटारी के कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका यह रही कि उसने पहले निर्गत किये गए एलपीसी जो भवनाथपुर अंचल से निबंधन विभाग को प्राप्त हुआ था, उसे कंप्यूटर से डिलिट कर दिया और दूसरी बार ई-मेल से प्राप्त एलपीसी जिसमें पुराने खाते का जिक्र नहीं किया गया था उसके आधार पर जमीन की रजिस्ट्री करा दी।
मामले में अवर निबंधक ने बिना मिलान किए ही जमीन की रजिस्ट्री कर दी। उपायुक्त ने इस मामले को लेकर सभी दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से शोकॉज किया है। स्पष्टीकरण और जांच प्रतिवेदन के अवलोकन के बाद घटना में दोषी पाये गये पदाधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई की गई है।