"सांसद बनने के चक्कर में विधायकी भी ना चली जाये" दुमका में हार के बाद क्या होगा सीता सोरेन का….? झामुमो में वापसी या विधानसभा चुनाव तक….लग रही ये अटकलें..
Sita Soren : ना माया मिली, ना राम….लोकसभा चुनाव में सीता सोरेन की हालत ठीक वैसी ही हो गयी है। कहां इरादा सांसद बनकर दिल्ली की राजनीति करने का था,…और अब विधायकी पर भी खतरा मंडरा गया है। कुल मिलाकर सांसद बनने के चक्कर में विधायकी से भी सीता सोरेन के हाथ धो बैठने के आसार बन गये हैं। दरअसल दुमका में करारी हार के बाद से ही सीता सोरेन के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
भाजपा में शामिल होते ही सीता सोरेन ने जिस मोदी फैक्टर के सहारे दुमका फतह का सपना संजोया था, उसे नलिन सोरेन ने बुरी तरह से तोड़ दिया है। ऐसे में अब सीता सोरेन अपनी राजनीति किस तरह के आगे बढ़ायेगी, ये बड़ा सवाल बन गया है। भाजपा में शामिल होने के बाद सीता सोरेन ने विधायकी से इस्तीफा देने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया था। इस पत्र पर विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना है। हालांकि अध्यक्ष के बाद ये निर्णय अभी पेंडिंग पड़ा हुआ है। उधर झामुमो ने एक्शन लेते हुए सीता सोरेन को संगठन से निष्कासित कर दिया है।
अब जब वो भाजपा से चुनाव हार चुकी है, तो फिर वो आगे क्या फैसले लेगी, इस पर सभी की नजर होगी। आपको बता दें कि भाजपा ने घोषित प्रत्याशी सुनील सोरेन को हटाकर सीता सोरेन को इसी मंशा के तहत टिकट थमाया था कि वह सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दल झामुमो के खिलाफ तगड़ी मोर्चाबंदी कर सके। सीता सोरेन दुमका में ही घिरकर रह गईं। अन्य संसदीय क्षेत्रों में उन्हें प्रचार अभियान का मौका नहीं मिला।
क्या झामुमो में वापस लौटेगी सीता सोरेन
एक बड़ी चर्चा ये है कि सीता सोरेन विधानसभा चुनाव के पहले झामुमो में वापसी कर सकती है। पार्टी के अंदर अभी भी सीता सोरेन को लेकर साफ्ट कार्नर है। पार्टी से जुडे पुराने नेता अभी को अभी भी सीता सोरेन से परहेज नहीं है, लेकिन चुनाव के दौरान सोरेन परिवार पर कड़वे बोल उनकी वापसी को मुश्किल बना रेह हैं। सीता सोरेन ने जिस प्रकार के तेवर दिखाए हैं, यहां तक ससुर शिबू सोरेन और देवरानी कल्पना सोरेन पर जिस तरह से उन्होंने हमला बोला, उससे उनकी झामुमो में वापसी की राह मुश्किल है। कई जानकार कहते हैं कि शिबू परिवार के खिलाफ मोर्चा खोलकर उन्होंने अपनी वापसी की राह बंद कर ली है। लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद अब अगले विधानसभा चुनाव में उनके समक्ष दावेदारी का विकल्प है। भाजपा इसी मुताबिक उनका उपयोग कर सकती है। सीता सोरेन जामा से विधायक हैं।