वर्षों से जमे चिकित्सक के ट्रांसफर मामले में विभाग पर टिकी निगाहें, मनपसंद जगह पाने की चाहत में डॉक्टर लगा रहे दौड़
रांची। जुलाई महीने की अंतिम सप्ताह में विभाग में वर्षों से जमे चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर सिविल सर्जन तक की नींद हराम हो चुकी हैं। अधिकारी अपने विभागीय काम कम ट्रांसफर पोस्टिंग वाले काम में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का मामला तो और भी अलग है। क्योंकि 10 साल से लेकर 20 साल तक एक ही जगह पर जमे चिकित्सक अपनी जुगत भिड़ाने में लगे हैं।
आपको जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि राजपत्रित पद पर बैठे ऐसे पदाधिकारी का तबादला वर्षों से नहीं हुआ? आखिर वो कौन सी तरकीब और जुगाड़ तकनीक से 20 - 20 वर्षों से एक ही जगह चिकित्सक जमे रहे। हाल के दिनो मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी 49 चिकित्सकों की लिस्ट में अधिकतर सिविल सर्जन और जिला पदाधिकारी के पद पर आसीन हैं। विभाग की नींद तब खुली जब मीडिया में ये बाते सुर्खियां बन कर उभरी। कहीं विभाग ने इन्हें मनमानी और निजी प्रेक्टिस करने की छूट तो नहीं दे रखी थी।
सूत्रों की मानें तो चिकित्सक बगल के जिले में अपने पोस्टिंग कराने में एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है। विभाग में ऐसे अधिकारियों की चल कदमी बढ़ गई है। जो चिकित्सक जिले में अधिकारी का फायदा लेकर निजी नर्सिंग होम चलाने में मस्त रहते थे वो आजकल रांची की दौड़ में मस्त हो गए है।
आशंका ये जताई जा रही है की वर्षों से एक ही जगह जमे अधिकारियों का तबादला तय है। ऐसे में जुगाड़ तकनीक के सहारे सीमा से सटे जिले में पोस्टिंग होने से दोहरा लाभ मिल सकता है। पहला वहां से अपने प्रेक्टिस और नर्सिंग होम चलाया जा सकता है ,दूसरा इतने दिनो के रुतबे को पड़ोसी जिले में भी लागू कराया जा सकता है। बहरहाल सब की निगाहें स्वास्थ्य विभाग पर टिकी है।