CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट की बढ़ी मुश्किलें : नक्सल आपरेशंस के दौरान ग्रामीण की मौत मामले में दायर होगा चार्जशीट… पढ़िये पूरा मामला
चाईबासा। ग्रामीण की मौत मामले में असिस्टेंट कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास की मुश्किलें बढ़ गयी है। चाईबासा में नक्सल ऑपरेशन के दौरान बेगुनाह ग्रामीण मंगल होनहागा की मौत मामले में चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया है। चाईबासा नक्सल प्रभावित वाले सारंडा के बलिबा गांव में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीआईडी ने विधि विभाग से चार्जशीट दायर करने को लेकर मंतव्य मांगा था। विधि विभाग ने अपना मंतव्य भेज दिया है, जिसमें चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया है।
28 जून 2011 को उसके पति खेत से काम करके लौटे थे। इस दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के जवान बलिबा गांव पहुंचे और 20-22 ग्रामीणों के हाथ पीछे बांध दिए। इसके बाद पूरी रात खुले आसमान के नीचे सभी को रखा। 29 जून को सुरक्षाबल के लोग सभी को पैदल जंगल के रास्ते ले गए। 1 जुलाई को बाहदा जंगल में मंगल होनहागा को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्याकांड के बाद ग्रामीण सीआरपीएफ पर हत्या का आरोप लगाये थे. लेकिन हत्याकांड के बाद 30 जून 2011 को सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास ने छोटानागरा थाने में एक एफआइआर दर्ज कराई।
एफआइआर में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप 100 अज्ञात माओवादियों पर लगाया गया था। मंगल होनहागा के परिजनों ने सीआरपीएफ पर गंभीर आरोप लगाये थे। साल 2011 में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप सीआरपीएफ पर लगा था। घटना के समय तत्कालीन सीआईडी एडीजी रेजी डुंगडुंग ने मामले में सीआरपीएफ की भूमिका पर सवाल उठाए थे। बाद में सीआईडी ने जांच में पाया था कि शंभू कुमार विश्वास की गोली से ही मंगल की मौत हुई थी।