हेमंत सोरेन झारखंडी हैं या फिर बंगाल से आये हैं…वोटिंग से पहले झामुमो के इस विधायक ने फिर मांगा जवाब, बोले…
Is Hemant Soren Jharkhandi or has he come from Bengal... Before voting, this JMM MLA again asked for answer, said...
JMM MLA Dinesh Marandi: झारखंड के इस बार के चुनाव में पार्टियां विपक्षी नेताओं से जितनी परेशान नहीं, रही, उससे ज्यादा परेशान उन्हें उन्ही की पार्टी के बागियों ने किया। मख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस चुनाव में बागियों के चक्रव्यूह घिरे रहे। खासकर उस सवाल पर, जिसे उन्ही के विधायक दिनेश मरांडी ने पूछा था। दिनेश मरांडी ने कहा था, कि हेमंत सोरेन झारखंडी हैं की नहीं? इस सवाल का जवाब हेमंत सोरेन की तरफ से नहीं आया।
चुनाव के पहले मीडिया को दिये बयान में उन्होंने एक बार फिर से इसी सवाल को दोहराया है।
लिट्टीपाड़ा से निर्वतमान झामुमो विधायक दिनेश मरांडी (JMM MLA Dinesh Marandi) ने कहा कि झारखंड में इस बात की चर्चा है कि हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का परिवार खुद झारखंडी नहीं हैं। हेमंत सोरेन के दोनों चाचा ने छह-सात साल पहले बयान दिया था कि हेमंत सोरेन के दादा बंगाल के पुरुलिया से पैदल चलकर आए थे और निमरा में आकर बस गए थे।
उन्होंने कहा, अब हेमंत सोरेन को यह बताना पड़ेगा कि वह झारखंडी हैं कि बंगाल के रहने वाले हैं। दिनेश मरांडी यहीं नहीं रूके, बल्कि आगे ये भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि हेमंत सोरेन के झारखंडी नहीं होने का मामला कोर्ट में है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। उन्हें बताना तो पड़ेगा, कि वो झारखंडी हैं या नहीं है।
दिनेश मरांडी ने कहा कि वो कोर्ट में जवाब दें या फिर सार्वजनिक रूप से बतायें कि वो झारखंड हैं या फिर बंगाल से माइग्रेट होकर आये हैं। दिनेश मरांडी ने कहा कि राज्य में पूर्ण बहुमत रहने के बाद भी हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति नहीं बनाया।
भाई हेमंत सोरेन की पोल खोल रहे शख्स झारखंड आंदोलनकारी रहे स्व. साईमन मरांडी जी के सुपुत्र व वर्तमान जेएमएम विधायक दिनेश मरांडी हैंl #Jharkhand pic.twitter.com/lWH47Ku9dh
— Kanchan Ugursandi 🇮🇳 (@BikerGirlkancha) November 14, 2024
सभी विधायकों ने कहा था कि 1932 का खतियान आधारित नीति यहीं बन जाएगी। विधेयक को दिल्ली भेजने की जरूरत नहीं है। जिला रोस्टर कीजिए यहीं कानून बन जाएगा, परंतु आपने दिल्ली क्यों भेजा।दिनेश मरांडी यह भी कह रहे हैं कि यह झारखंड की जनता जानना चाह रही है, हम नहीं कह रहे।