झारखंड : बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर हमला…शिक्षकों की कमी पर उठाए सवाल, कहा- भाड़े पर चल रही शिक्षा व्यवस्था
Jharkhand: Babulal Marandi attacks Hemant government... raises questions on shortage of teachers, says education system is running on rent

बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में शिक्षकों की कमी को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर तंज किया है.बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने झारखंड की पूरी शिक्षा व्यवस्था को भाड़े पर लगा दिया है. उन्होंने कहा कि स्थायी शिक्षकों के हजारों रिक्त पद खत्म कर अब विद्यालयों में किराये के शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है.
‘शिक्षा व्यवस्था को गर्त में धकेल रही है हेमंत सरकार’
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को गर्त में धकेलने और छात्रों के भविष्य के साथ क्रूर मजाक करने का पाप हेमंत सोरेन सरकार कर रही है.
गौरतलब है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने टीजीटी और पीजीटी टीचर के 8900 पदों को सरेंडर कर दिया है. प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों में सहायक आचार्य के 26001 पद पर बहाली लंबित है.
50,000 पद का हुआ था सृजन
गौरतलब है कि दिवंगत पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के कार्यकाल में प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के 50,000 पद का सृजन किया गया था. इसके पहले चरण में प्राइमरी स्कूल के लिए 11,000 तो वहीं माध्यमिक स्कूलों के लिए 15000 शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया था.
इसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है लेकिन परिणाम लंबित है. झारखंड में 7 हजार से ज्यादा स्कूल वैसे हैं जहां केवल 1 शिक्षक की नियुक्ति की गई है. सैकड़ों स्कूलों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं.
सरकारी स्कूलों में नहीं हो रही शिक्षक बहाली
रिपोर्ट्स के मुताबिक झारखंड के सरकारी स्कूलों में अब भी कम से कम 70,000 शिक्षक चाहिए लेकिन, बहाली नहीं हो रही.
झारखंड में उच्च शिक्षा की बुरी स्थिति
झारखंड में उच्च शिक्षा की भी बुरी स्थिति है. जेपीएससी के जरिए विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होने वाली थी लेकिन, अब तक कोई अपडेट नहीं है.
हाल ही में एक आंकड़ा सामने आया था जिसके मुताबिक रांची यूनिवर्सिटी के 4 कॉलेजों में करीब 30,000 विद्यार्थियो के लिए एक भी प्रोफेसर नहीं है. ऐसे में झारखंड में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.