सावधान! सरकार चला रही है अंधाधुंध पिटाई अभियान…बाबूलाल मरांडी ने ये बातें कहकर बोल दिया बड़ा हमला…
रांची। झारखंड में इन दिनों प्रदर्शन का दौर चल रहा है। चुनावी साल में हर संगठन अपनी-अपनी मांगों को लामबंद हो रहा है। लिहाजा पुलिस प्रशासन की सख्ती भी दिखायी पड़ रही है। कहीं आंदोलनकारियों पर लाठी बरस रहे हैं, तो कहीं आंसू गैंस के गोले छोड़े जा रहे हैं।
हाल ही में सहायक आरक्षकों के आंदोलन और पारा शिक्षकों के प्रदर्शन में लाठियां खाकर कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। अब प्रशासन की सख्ती पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कटाक्ष किया है।
उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि सावधान!! जेएमएम और कांग्रेस की सरकार चला रही है अंधाधुंध पिटाई अभियान… इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर निर्दोष सो रहे आदिवासी छात्रों को हॉस्टल में घुसकर पहले दौड़ा दौड़ा कर पीटा जाता है, फिर लहूलुहान छोड़कर उन पर ही एफ़आईआर किया जाता है।
आपको बता दें कि हाल ही में प्रदर्शनकारी सहायक आरक्षकों के खिलाफ भी प्रशासन की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था। उस मामले पर भी बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर कटाक्ष किया था।
हाल में घटी लाठीचार्ज की घटना
स्टूडेंट हॉस्टल में घुसकर पिटाई
झारखंड के पाकुड़ जिले में केकेएम कॉलेज के लगभग एक दर्जन छात्र घायल हो गए, क्योंकि राज्य पुलिस ने शनिवार को बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रस्तावित विरोध मार्च को लेकर छात्रावास परिसर के अंदर उनकी पिटाई की।घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राज्य भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने छात्रावास के छात्रों पर “पुलिस ज्यादती” के लिए हेमंत सोरेन सरकार की आलोचना की और “परेशान करने वाली” तस्वीरें साझा कीं।बताया जाता है कि दस से अधिक छात्रों को इलाज के लिए पाकुड़ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
छात्र नेता कमल मुर्मू ने कहा कि पुलिस शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे छात्रावास पहुंची और छात्रों को किसी भी प्रकार का विरोध रैली आयोजित न करने की चेतावनी दी।मुर्मू ने बताया कि जब छात्रों ने आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया तो पुलिस बल का एक दल छात्रावास पहुंचा और छात्रों की पिटाई शुरू कर दी।
पारा शिक्षकों पर आंसू गैस
इसी महीने 20 जुलाई को पुलिस ने सहायक शिक्षकों पर लाठियां बरसाईं। आंसू गैस के गोले छोड़े। इसमें 12 पारा शिक्षक घायल हो गए। तीन गंभीर हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।समान शिक्षा के लिए समान वेतन की मांग को लेकर शनिवार को राज्यभर के सहायक शिक्षक मोरहाबादी मैदान में जुटे थे।
दोपहर करीब एक बजे वे मोरहाबादी से रजिस्ट्री ऑफिस होते हुए सीएम आवास की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। शिक्षक बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बावजूद जब शिक्षक नहीं रुके तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां बरसायी। इससे भगदड़ मच गई।
सहायक आरक्षकों पर भी लाठीचार्ज
19 जुलाई को रांची में आज पुलिसकर्मियों ने पुलिसकर्मियों पर ही जमकर लाठीचार्ज किया. दरअसल, असिस्टेंट पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान वह सीएम आवास की ओर बढ़ने लगे, जिन्हें रोकने में विवाद बढ़ गया और पुलिस पुलिसवालों ने सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज कर दिया है.सहायक पुलिसकर्मी 2 जुलाई से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
प्रदर्शनकारी आज सीएम आवास की ओर कूच कर रहे थे. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारी असिस्टेंट पुलिसकर्मियों को रोकने की कोशिश की. इसी दौरान गहम-गहमी बढ़ गई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस घटनाक्रम की तस्वीरें भी सामने आईं हैं, इसमें प्रदर्शनकारी एक पुलिसकर्मी को धक्का देकर गिराते हुए नजर आ रहे हैं.बता दें कि राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों से कुल 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की साल 2017 में नियुक्ति हुई थी.
सरकार ने तब 10 हजार का मानदेय तय किया गया था. साथ ही सहायक पुलिसकर्मी के पद पर बहाल हुए अभ्यर्थियों को तीन साल बाद परमानेंट करने की बात कही गई थी, हालांकि 3 वर्ष पूरे होने के बाद भी किसी को परमानेंट नहीं किया गया है. यही वजह है कि राज्यभर के 2500 पुलिसकर्मी आंदोलनरत हैं और हड़ताल पर चले गए हैं. इस दौरान जमकर लाठीचार्ज हुआ है.