झारखंड: अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर बड़ा आदेश, चार महीने के भीतर होंगे नियमित, कमेटी बनाकर तैयार होगा परमानेंट करने का प्रस्ताव
रांची। अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश हाईकोर्ट ने सुनाया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि तीन महीने के भीतर अलग-अलग विभागों में पदस्थ संविदा, दैनिक या अस्थायी कर्मियों को नियमित किया जाये। वहीं, याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि एक महीना में रिप्रेजेंटेशन विभाग को दें। याचिकाकर्ता कपिलदेव सिंह, महेंद्र उरांव, अब्दुल आलम, अशोक पंडित, धारो उरांव, नूतन कुमार सहित 69 लोगों ने अलग-अलग याचिकाएं नियमितिकरण को लेकर दायर की थी।
कोर्ट में दलील दी गयी कि स्वीकृत व रिक्त पद पर वे 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं। मामले में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि जब इन कर्मियों की नियुक्ति हुई थी, उस समय वह पद स्वीकृत और रिक्त पद में शामिल नहीं था। बाद में यह पद स्वीकृत व रिक्त पद में शामिल किया गया। इसलिए याचिकाकर्ता को नियमित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र व राज्य सरकार ऐसे मामलों में निर्णय लेने के लिए कमेटी का गठन करे। संबंधित विभाग के अध्यक्ष कमेटी बनाकर सुप्रीम कोर्ट के स्टेट ऑफ कर्नाटक बनाम उमा देवी के अलावा अन्य जजमेंट और हाईकोर्ट के नरेंद्र कुमार तिवारी बनाम स्टेट आफ झारखंड के जजमेंट को देखते हुए तीन माह में निर्णय लेने को कहा है। विभाग के स्तर पर अगर यह मामला निष्पादित नहीं होता है तो विभागीय सचिव कारण बताते हुए उनके मामले में मुख्य सचिव के पास भेजा जाएगा। मुख्य सचिव उस पर चार माह में निर्णय लेंगे। इसके लिए मुख्य सचिव विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाएंगे।