जेल से निकलकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 100 दिन पूरे, कहा, हर साजिश-झूठ को दिया मात… अभी बहुत कुछ करना बाकी है..

Hement Soren: हेमंत सोरेन के जेल से निकलने के बाद बतौर मुख्यमंत्री उनकी तीसरी पारी के 100 दिन पूरे हो गये हैं। इस मौके पर हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि आज जेल से वापस लौटकर राज्य की कमान संभाले 100 दिन पूरे हुए हैं।

साथ ही कल चुनाव आयोग द्वारा झारखण्ड में विधानसभा चुनाव की घोषणा भी हुई है। दिसंबर 2019 में झारखण्ड की अपनी महान जनता के आशीर्वाद से मैंने राज्य की बागडोर संभाली। मकसद एक ही था कि झारखण्ड रूपी पेड़ को सिंचित कर इसकी जड़ें मजबूत करना।

इस पेड़ को भाजपा ने 20 वर्षों तक दोनों हाथों से लूटने का काम किया था। इसे सुखाने का काम किया था। इसकी जड़ों पर मट्ठा डालने का काम किया था।

कार्यकाल की उपलब्धियां गिनायी

यही कारण था कि 20 वर्षों के युवा झारखण्ड में हमारे गरीब, वंचित और शोषित वर्ग के लोग सामाजिक सुरक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए तरसते थे, हमारे आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक खोई हुई पहचान के लिए तरसते थे, हमारे राज्य के नौनिहाल अच्छी शिक्षा के लिए तरसते थे,

हमारे होनहार युवा नौकरी और रोजगार के लिए तरसते थे, हमारे मेहनतकश किसान कर्ज के बोझ तले दबे जाते थे, हमारी मातायें-बहनें मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिए तरसतीं थी, हमारे मजदूर भाई-बहन अपनी पहचान के लिए तरसते थे, हमारे जल-जंगल-जमीन अपनी अस्मिता के लिए तरसते थे। झारखण्ड की जड़ों को सशक्त करने का महती प्रयास जो आपने और हमने मिलकर शुरू किया है, उसे अभी कई पड़ाव पार करने हैं।

कोरोना काल में कामों का किया जिक्र

मार्च 2020 में पूरे देश में जब लॉकडाउन लगा, पूरे देश को जब पता चला कि लाखों-करोड़ों लोग अपने घरों से दूर, जीवन और जीविका की लड़ाई लड़ने को विवश हो चले हैं, तो आपने और हमने अपने राज्य के लाखों प्रवासी लोगों को झारखण्ड वापस लाने का बीड़ा उठाया।

सखी मंडल से जुड़ी दीदी-बहनों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर, राज्य वापस लौट रहे लोगों को पौष्टिक खाना खिलाने के काम किया। यह आपका साथ ही था कि झारखण्ड देश के पहला राज्य था जो पहली ट्रेन, पहले प्लेन से अपने लोगों को घर पहुंचा रहा था।

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विरासत में मिली लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ करते हुए पूरी सरकार और प्रशासन ने सुविधाओं को दुरुस्त करना शुरू किया, आपके हौसलों के बगैर यह सब कहां संभव था।

कोरोना में आक्सीजन देकर पूरे देश को संजीवनी दी

यही कारण रहा कोरोना के समय पूरे देश में ऑक्सिजन सप्लाई करने वाला भी झारखण्ड पहला राज्य बना। कोरोना में जीवन के साथ-साथ जीविका बचाना भी बहुत जरूरी था, तो हमने तुरंत बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की, नीलांबर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना शुरू की, पोटो हो खेल विकास योजना भी हमने तभी शुरू भी किया।

मनरेगा में काम रहे लोगों को वाजिब मजदूरी मिले इसके लिए हमने मजदूरी दर भी बढ़ाने का काम किया। गरीब, वंचित और शोषित वर्ग के लोगों की सामाजिक सुरक्षा जब तक सुनिश्चित नहीं होती, उनका रोटी-कपड़ा और मकान सुनिश्चित नहीं होता, तब तक कोई राज्य आगे नहीं बढ़ सकता है।

गरीबों के लिए योजनाओं को शुरू किया

इसलिए हमने हर वर्ष राज्य के कोने-कोने में सरकार आपके द्वार के महाअभियान के तहत लाखों-करोड़ों राज्यवासियों को सर्वजन पेंशन योजना, हरा राशन कार्ड, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना, अबुआ आवास योजना, जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा।

लाखों परिवारों को हमने 200 यूनिट मुफ्त बिजली और बकाया बिजली बिल माफ कर महंगाई के इस दौर में थोड़ी राहत देने का भी काम किया। राज्य के हमारे लाखों मेहनती किसानों का 2 लाख रुपए तक ऋण माफ हुआ।

केसीसी, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, बिरसा सिंचाई कूप योजना, धान खरीद, किसान पाठशाला जैसी योजनाओं से राज्य के लाखों किसानों को सशक्त करने का प्रयास शुरू हुआ।

महिला सम्मान योजना में 2500 रुपये

देश-विदेश में फंसे या मदद मांग रहे श्रमिक भाइयों और बहनों को भी संवेदनशीलता के साथ हमेशा मदद पहुंचाई गयी। राज्य की हमारी लाखों माताओं-बहनों और बेटियों के मान, सम्मान और स्वाभिमान से जोड़ने के लिए उन्हें मंईयां सम्मान योजना, हजारों करोड़ के बैंक क्रेडिट लिंकेज, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना जैसी योजनाओं से जोड़ने का काम हुआ।

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दिसम्बर से 18-50 वर्ष की माताओं-बहनों को 2500 रुपए की सम्मान राशि भी मिलने लगेगी। अपने राज्य के नौनिहालों के लिए हमने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की श्रृंखला शुरू की, जो पंचायत स्तर तक जाएगी।

आमलोगों के हित से जुड़े लिये फैसले

प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि दो से तीन गुना बढ़ायी गयी। गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मरङ्ग गोमके ओवरसीज स्कॉलरशिप, साइकिल वितरण, आदि योजनाओं के जरिए उनके सपनों को पंख देना का काम किया है, आप और हमने मिलकर।

1932 खतियान आधारित नीति, पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना आदिवासी धर्म कोड का अधिकार तथा हो, मुंडारी और कुड़ुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराना, झारखण्ड की अस्मिता से जुड़ा हुआ मुद्दा रहा है इसलिए विपक्ष द्वारा फैलाए गए कई झंझावातों के बाद भी हमने इन्हें विधानसभा से पारित करा कर केंद्र सरकार को भेजा।

हमारे पुरुखों के सपनों को पूरा करने के लिए और हमें अपने अधिकारों को लेने के लिए जब तक लड़ना पड़ेगा, हम लड़ेंगे।

आदिवासी महोत्सव का हुआ आयोजन

राज्य के इतिहास में पहली बार आदिवासी महोत्सव भी मनाया गया। झारखण्ड के युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ने के लिए कई नियमावलियों का निर्माण हुआ। कई पदों पर नियुक्तियों के लिए 20 वर्षों में कभी नियमावली बनायी ही नहीं गयी थी।

हमने झारखण्ड के युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए नियोजन नीति बनाई, विपक्ष ने उसे पीछे के दरवाजे से रद्द करवाकर झारखण्डी युवाओं के साथ साजिश की। पेपर लीक रोकने वाला सख्त कानून भी हमने बनाया। हमने अड़चनों को दूर कर झारखण्ड के हजारों युवाओं को नौकरी देने का काम किया।

हजारों पदों पर 75 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक नियुक्तियां झारखण्ड के युवाओं की हुई।

निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण

निजी क्षेत्र में स्थानीय को रोजगार हेतु 75 प्रतिशत आरक्षण लागू कर लगभग लाखों युवाओं को रोजगार हेतु ऑफर भी प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से हजारों युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें अपने उद्योग का मालिक बनाया।

युवाओं के हर मुद्दे मेरे संज्ञान में हैं। उनके हर एक मुद्दे को हम पूरी मेहनत के साथ पूरा करेंगे। राज्य के पारा टीचर, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, जल सहिया, स्वास्थ्य सहिया, मनरेगा कर्मी, रसोइया दीदी, सहायक पुलिसकर्मियों, होम गार्ड और पोषण सखी जैसे लाखों लोगों को भी हक़-अधिकार देने का कार्य किया गया। सरकारी कर्मचारियों की वर्षों की OPS की मांग भी पूरी हुई।

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सड़कों व पुल-पुलिया का जाल बिछा

हजारों अधिवक्ताओं को पेन्शन, बीमा और प्रोत्साहन राशि देने वाला पहला राज्य भी झारखण्ड बना। कांटाटोली फ्लाईओवर, दुमका में राज्य का सबसे लंबा पुल, मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं, एमजीएम अस्पताल, ट्रांसमिशन लाइन्स और गांव-गांव सड़क सुदृढ़ीकरण, आदि जैसे अनेक आधारभूत संरचनाओं की कई कड़ियों को जोड़कर हमने राज्य को दिशा देने का भी काम किया। झारखण्ड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाए के लिए मैंने आवाज उठायी तो मुझे जेल में डाल दिया गया।

मेरा गुनाह इतना ही था कि मैं झारखण्डवासियों की सेवा कर रहा था, अपने लोगों को हक़-अधिकार दे रहा था। अगर मेरा ऐसा करना गुनाह है तो यह गुनाह में बार-बार करता रहूंगा। झारखण्ड न कभी किसी के आगे झुका है न उसे कभी किसी के आगे झुकने दिया जाएगा।

हर षड़यंत्र का दिया जवाब

सरकार गठन के बाद से विपक्ष द्वारा फैलाए गए हर षड्यंत्र, हर बाधा, हर झूठ को मात देने का काम हुआ है। उन्हें हर उपचुनाव में भी हमने मात देने का काम किया। और यह काम मेरे सभी झारखण्डवासियों के साथ और आशीर्वाद से हुआ है।

लेकिन मुझे पता है कि अभी भी कई क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी है। विपक्ष ने 20 वर्षों तक राज्य को इतना पिछड़ा बनाया, इसे आगे ले जाने के लिए अभी कई गुना जोर लगाना है। और यह जोर हम मिलकर लगायेंगे। आने वाले विधानसभा चुनाव में हमें भाजपा और विपक्ष के धनतंत्र, झूठ, साजिश और समाज को तोड़ने वाली राजनीति के खिलाफ मिलकर लड़ना है।

आने वाले समय में आपके विश्वास और समर्थन के साथ हम मिलकर एक समृद्ध, विकसित और खुशहाल झारखण्ड का निर्माण करेंगे। आदरणीय दिशोम गुरुजी के सपनों का समृद्ध झारखण्ड बनकर रहेगा। जोहार! जय हिंद! जय झारखण्ड!

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