Jharkhand: DC को आया ऐसा गुस्सा की… हो गया दर्जन भर BDO -CO, 150 डॉक्टर सहित 500 अधिकारी कर्मचारी का वेतन बंद,मचा हड़कंप
Jharkhand: DC got so angry... Dozens of BDO-COs, 150 doctors and 500 officers and employees' salaries stopped, created panic
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Palamu: जिले के डीसी शशि रंजन के एक आदेश ने राज्य भर में खलबली मचा दी है। उनके एक आदेश से जिले के करीब 500 अधिकारी कर्मचारी का वेतन बंद कर दिया गया है। गौर करने वाली बात ये भी है कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी लगातार कहते नजर आ रहे है कि डॉक्टर को बायोमेट्रिक अटेंडेंस से छूट दी जाएगी उसके वावजूद ये कारवाई की गई।
कहा जा रहा है कि साहब को इतना गुस्सा आया कि एक करीब पांच सौ अफसरों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है. ऐसा उन्होंने जिले की जनता की ओर से लगातार मिल रही शिकायत के बाद किया है. आपको बताते चलें कि यह पूरा मामला पलामू जिले का है.
डीसी शशि रंजन ने शिकायत के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 150 डॉक्टरों, एक दर्जन से अधिक बीडीओ और सीओ समेत करीब 500 बाबुओं का वेतन रोकने का आदेश दिया है. डीसी की ओर से यह कार्रवाई कर्मचारियों की ओर से बरती गई अनुशासनहीनता के कारण की गई है.
डीसी ने दिया था आदेश
जिले के डीसी शशि रंजन ने आदेश दिया था कि अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय में पहुंचें. कार्यालय में सुबह 10:40 तक और शाम पांच बजे कार्यालय से निकलने के समय भी बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस बनाना अनिवार्य है.
बॉयोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही वेतन निर्गत किया जायेगा. बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस शीट के साथ ही कोषागार में बिल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इसका अनुपालन करने का निर्देश कोषागार पदाधिकारी को दिया था.
डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी सभी का वेतन बंद
इस आदेश के बाद पलामू के विभिन्न सरकारी कार्यालयों के 50 डॉक्टर, 20 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, 16 अधीक्षक कार्यालय के तहत कार्यरत डॉक्टर और 63 सीनियर व जूनियर रेजिडेंट्स का वेतन भी रोका गया है।
इसके अलावा इन सभी कार्यालयों में कार्यरत ढाई सौ से अधिक ANM, GNM, लैब असिस्टेंट, फार्मासिस्ट समेत अन्य कर्मचारियों का वेतन भी रोका गया है। बताया गया कि पशुपालन विभाग, इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर भी रोक लगाई गई है। इसमें कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता शामिल हैं।
लगातार मिल रही थी शिकायत
वेतन की प्रक्रिया भी केवल बायोमेट्रिक के आधार पर की जानी थी. लेकिन जब जांच की गई तो इसमें काफी खामियां मिलीं. इसके अलावा डीसी को लगातार जनता की ओर से शिकायत मिल रही थी कि कुछ अधिकारी और डॉक्टर समय का भी ख्याल नहीं रख रहे हैं. इन शिकायतों पर डीसी की ओर से लगातार नजर रखी जा रही थी.