झारखंड चुनाव की तारीख: …जानिये क्यों हो रही चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी? पिछली बार की आलोचना से आयोग पशोपेश में तो नहीं? पढ़िये पूरी रिपोर्ट

Jharkhand Election: झारखंड में विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन जारी है। चर्चा तो यही है कि किसी भी दिन चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकता है। लेकिन चर्चा ये है कि चुनाव आयोग फिलहाल तारीख के ऐलान को लेकर हड़बड़ी में नहीं है। इसकी बड़ी वजह पिछले साल हुए 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव है। दरअसल पिछले साल हुए छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित 5 राज्यों में चुनाव हुए थे।

इसलिए हो रही चुनाव की तारीखों में देरी

चुनाव का समय भी कमोवेश यही यानि अक्टूबर से लेकर नवंबर तक का था, लेकिन चुनाव का तारीखों को लेकर आयोग को खूब आलोचना झेलनी पड़ी थी। कई राज्यों में तो चुनाव का तारीखों में बदलाव तक करना पड़ा था। चुनाव की तारीखों में त्योहार के आड़े आने की वजह से वोटिंग प्रतिशत भी काफी कम हो गया था।

लिहाजा उस आलोचना से इस बार आयोग ने सबक लिया है। अभी झारखंड सहित पूरे देश में फेस्टिव सीजन चल रहा है। छुट्टियों का दौर भी चल रहा है। ऐसे में चुनाव का तारीखों का ऐलान करना आयोग के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है।

पिछले चुनाव में हुई थी खूब आलोचना

चुनाव आयोग के फरमान की वजह से कर्मचारी तो ड्यूटी के लिए आ जायेंगे, लेकिन छठ जैसे पांच दिन के त्योहार और दिवाली व धनतेरस जैसे तीन दिन के त्याहोर के बीच अगर अगर तारीख पड़ गयी तो फिर वोटरों की संख्या कम हो सकती है। लिहाजा आयोग काफी सोच समझकर तारीखों की घोषणा कर रहा है।

अमूमन परंपरा यही रही है कि चुनाव आयोग की फुल बेंच जब राज्यों से समीक्षा कर वापस लौटती है, तभी से चुनाव की तारीखों का काउंटडाउन शुरू हो जाता है। देरी तभी होती है जब चुनावी तैयारी पूरी नहीं हुई हो या फिर आयोग संतुष्ट नहीं रहता है। लेकिन ये दोनों स्थित झारखंड में नहीं है, लिहाजा एक ही परिस्थिति चुनाव की तारीखों की देरी में आड़े आ रही है, वो है त्योंहारों का मौसम।

कितने चरणों में हो सकता है झारखंड में चुनाव

झारखंड के साथ महाराष्ट्र में चुनाव होना है। कुछ लोगों का कहना है कि छठ के तुरंत बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जायेगा। 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उस लिहाज से झारखंड की सरकार दिसंबर तक तो अस्तित्व में रह ही सकती है। ऐसे में जब इस बार पहले सप्ताह में ही छठ खत्म हो जायेगा, तो तारीख छठ के तुरंत बाद घोषित हो सकती है।

चुनाव के 45 दिन आचार संहिता का ऐलान हो जाता है। ऐसे में चुनाव कराने के लिए समय कम पड़ सकता है। ऐसा तभी संभव है, जब चुनाव एक या दो चरणों में ही पूरा करा लिया जाये। हालांकि चर्चा है कि झारखंड में दो से तीन चरण में चुनाव करायी जा सकती है।


31 अक्तूबर को दीपावली दो नवंबर को गोवर्धन पूजा, तीन नवंबर को भाई दूज और सात व आठ नवंबर को छठ महापर्व है, जबकि 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस और गुरुनानक जयंती दोनों हैं. मतदान की तारीख तय करते हुए आयोग उक्त सभी तिथियों को ध्यान में रख रहा है।

तीन से चार चरणों में हो सकता है चुनाव

झारखंड दौरे के दौरान चुनाव आयोग की टीम से राज्य के विपक्षी दलों ने एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने छठ पूजा और 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती के बाद एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग की थी। अगर पिछले चुनावों को देखें तो, राज्य गठन के बाद से अब तक एक बार छोड़ कर हमेशा पांच चरणों में चुनाव कराया गया है।

साल 2005 में तीन चरणों (03 फरवरी, 15 फरवरी और 23 फरवरी) में मतदान हुआ था। वर्ष 2009 में पांच चरणों (25 नवंवर, 02 दिसंबर, 08 दिसंबर, 12 दिसंबर और 18 दिसंबर), 2014 में पांच चरण (25 नवंबर, 02 दिसंबर, 09 दिसंबर, 14 दिसंबर और 20 दिसंबर) और 2019 में पांच चरण (30 नवंबर, 07 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर) को मतदान संपन्न हुए थे। मतदान के चरणों का निर्धारण आयोग सुरक्षित व शांतिपूर्ण मतदान की योजना के मद्देनजर करता है।

Aditya
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