हेमंत सरकार हमारी भी सुनो : आईसीटी इंस्ट्रक्टर (कंप्यूटर शिक्षक) के अनिश्चितकालीन हड़ताल से डिजिटली शिक्षा टांय टांय फुस्स

रांची : राज्यभर में इन दिनों हड़ताल की बाढ़ आई हुई है। हर वर्ग चाहे वो अनुबंध कर्मी का मामला हो,नौजवानी के रोजगार का मामला हो, प्रोन्नति हो या कुछ और… हेमंत सरकार से हर कोई नाखुश दिख रहा है। ये अलग बात है कि मईया सम्मान योजना की राशि को वितरित करने के लिए पूरी हेमंत कैबिनेट अलग अलग जिलों में जाकर अपना गुणगान करने में लगी है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास के आसपास अनशन पर बैठे कंप्यूटर शिक्षक के समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है।स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा दिलाना सरकार की अच्छी सोच जरूर है पर इन कंप्यूटर शिक्षक की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उनके सुविधा और मानदेय का भी ख्याल रखना जरूरी है।

सवाल ये भी उठता है कि इन कर्मियों के मांग पत्र पर सरकार समय रहते हल निकालने का प्रयास क्यों नहीं करती और अंतिम विकल्प के रूप में सड़कों पर बैठने का इंतजार करती है, इससे सरकार के प्रति असंतोष के साथ कार्य प्रभावित होती है सो अलग।

ताजा मामला कंप्यूटर शिक्षक के आंदोलन से जुड़ा है। जो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। आईसीटी इंस्ट्रक्टर के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से जिले सहित राज्य क़ी डिजिटली शिक्षा को ग्रहण लग गया। इसके पहले इन कर्मियों ने सारे प्रयास किए परन्तु जब बात नहीं बनी तो सड़क पर उतरना इनकी मजबूरी बन गई।

मालूम हो क़ी 5 अगस्त से चल रही धरना प्रदर्शन के बाद 8 अगस्त को जेइपीसी और संघ के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई थी। जिसमे 20 अगस्त तक मांगो को लेकर सकारात्मक कार्यवाही करने और धरना में शामिल होने वाले सदस्यों पर किसी तरह की कार्यवाही नही करने का लिखित आश्वाशन जेइपीसी द्वारा मिला था।

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20 अगस्त तक जेइपीसी की तरफ से मांगो को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही कोई सूचना दी गई।साथ ही साथ कंपनी ने आईसीटी इंस्ट्रक्टर तन्मय कुमार, सुमंत कुमार और एक महिला इंस्ट्रक्टर को कार्य से निष्कासित कर दिया।विभिन्न कंपनी के जिला समन्वयकों द्वारा लगातार इंस्ट्रक्टरों को डराया और धमकाया जा रहा।

सम्मानजनक वेतन, समायोजन के साथ साथ निकाले गए सभी इंस्ट्रक्टरों को फिर से बहाल करने की मांगों को लेकर राज्य के समस्त इंस्ट्रक्टर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं।निष्कासित किए गए इंस्ट्रक्टर तन्मय कुमार और विश्व नारायण अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे हैं।

आमरण अनशन पर बैठे कंप्यूटर शिक्षक

इंस्ट्रक्टर तन्मय कुमार ने बताया कि वे 24 अगस्त से आमरन अनशन पर हैं। उन्होंने कहा क़ी जब तक हमारी मांगों को पूर्ण नहीं किया जाता तब तक मैं आमरण अनशन पर बैठा रहूंगा।उन्होंने कहा क़ी यदि इस दौरान मुझे कुछ भी होता है या फिर मेरी मृत्यु हो जाती है तो सारी जवाबदेही जेइपीसी, शिक्षा विभाग, सरकार व विभिन्न कम्पनी जैसे टीसीआईएल, एक्स्ट्रामार्क्स, स्कूलनेट, एडिक/बीसीसीएल क़ी होगी।

इस बढ़ती महंगाई में आईसीटी इंस्ट्रक्टर को मासिक 8 हजार रूपये मिलते हैं, जो क़ी मनरेगा मजदूर से भी कम है। सवाल अपने आप में अहम है कि हेमंत सरकार से आखिर कार नाराजगी की वजह कही इन मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देना तो नहीं?

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