झारखंड हाईकोर्ट : JPSC सिविल सेवा को लेकर हुई हाईकोर्ट में सुनवाई, दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला रखा सुरक्षित
रांची। जेपीएससी के बैकलाग सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पर रोक नहीं होगी। हाईकोर्ट में जस्टिस एके राय की अदालत में जेपीएससी परीक्षा में गलत प्रश्न को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। बुधवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। लेकिन अदालत ने इसको लेकर कोई आदेश पारित नहीं किया है। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने पैरवी की।
अधिवक्ताओं ने बताया कि वर्ष 2017 की बैकलाग सीट पर जेपीएससी नियुक्ति कर रही है। प्रारंभिक परीक्षा के बाद प्रश्न पर अभ्यर्थियों के आपत्ति मांगी गई थी। इसके बाद आपत्ति के बाद संशोधित मॉडल आंसर भी जारी किया गया। यह भी कहा गया कि अगर प्रार्थी के दावे को मान लिया जाए कि चार प्रश्न गलत हैं। सभी को इसके पूरे अंक दिए जाने पर भी प्रार्थी की मेरिट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सभी को उसका समान अंक मिलेगा।
आपको बता दें कि प्रार्थी आलोक नंदन सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान कहा गया कि जेपीएससी की ओर से सिविल सेवा के लिए नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया। इसमें चार प्रश्न गलत होने की आपत्ति जेपीएससी के यहां दर्ज कराई थी। जेपीएससी ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। अगर इन प्रश्नों का अंक मिल जाए तो उनका चयन हो जाएगा। फैसले का इंतजार अब अभ्यर्थियों को है।