झारखंड-IPS सस्पेंड: चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, बिना अनुमति लौटने पर इलेक्शन कमीशन का एक्शन, चार्जशीट भी मिलेगी
Jharkhand-IPS suspended: Big action by Election Commission, action of Election Commission on returning without permission, charge sheet will also be available
IPS Suspend: झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। पर्यवेक्षक बनकर आये IPS को इलेक्शन कमीशन ने सस्पेंड कर दिया है। IPS किशन सहाय मीणा राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी है। आरोप है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति ड्यूटी से राजस्थान लौट गये थे। शिकायत के बाद राजस्थान कैडर के आईपीएस किशन सहाय मीणा को आयोग ने निलंबित किया है।
आपको बता दें कि किशन सहाय मीणा गुमला में ड्यूटी पर तैनात थे, लेकिन वे चुनाव आयोग की अनुमति के बिना झारखंड से जयपुर लौट आए. जानकारी के मुताबिक आईपीएस किशन सहाय मीणा ने बीमार होने की जानकारी दी थी, लेकिन उन्हें आयोग से लौटने की अनुमति नहीं मिली।
झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी के रवि कुमार ने 2004 बैच के आईपीएस किशन सहाय मीणा के निलंबन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आयोग ने उन्हें गुमला में पुलिस ऑब्जर्वर के तौर पर तैनात किया था। उन पर आयोग से बिना अनुमति के चुनाव ड्यूटी छोड़ने का आरोप है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है और उनकी जगह दूसरे पुलिस ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है।
बताया जा रहा है कि चुनाव ड्यूटी में लापरवाही के कारण किशन सहाय मीणा को चार्ज शीट भी मिलेगी। चुनाव आयोग ने राजस्थान के मुख्य सचिव को एक पत्र में लिखा है कि राजस्थान के आईपीएस अधिकारी कृष्ण सहाय मीणा को झारखंड के गुमला ज़िले की तीन विधानसभा सीटों – सिसाई, गुमला, बिष्णुपुर – में पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
लेकिन, 28 अक्तूबर को वह बिना आयोग की अनुमति लिए गुमला से जयपुर चले गए, यानी अपनी ऑब्ज़र्वर की ड्यूटी पूरी होने से पहले ही चले गए. चुनाव आयोग ने इसे ड्यूटी में अनियमितता और लापरवाही ठहराते हुए कृष्ण सहाय मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की सिफ़ारिश की. आयोग ने साथ ही लिखा है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी चलाई जाए और पत्र जारी होने के 7 दिन के अंदर मीणा को चार्जशीट सौंपी जाए।
आपको बता दें कि आईपीएस किशन सहाय मीणा के सोशल मीडिया पोस्ट पर पहले भी विवाद हो चुका है। उन्होंने फेसबुक पेज पर पोस्ट शेयर करते हुए ईश्वर, भगवान, गॉड, वाहेगुरु या अल्लाह को मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा था “भगवान या अल्लाह होते तो वो भारतीय को गुलाम नहीं बनने देते। धार्मिक अंधविश्वासों जैसे भगवान, अल्लाह, गॉड, वाहेगुरु, फरिश्ते, देवी-देवता, स्वर्ग-नरक, जन्नत-जहन्नुम, जिन्न, भूत-प्रेत, डाकण आदि का सिर्फ एक प्रकार से नहीं बल्कि बहुत प्रकार से खंडन किया जा सकता है क्योंकि ये हैं ही नहीं, सिर्फ कल्पना मात्र और मनगढ़ंत हैं।