झारखण्ड : दिलचस्प है सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना मुर्मू सोरेन के विवाह की कहानी
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7 फरवरी 2024 को झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी की रिमांड पर थे.उनको 31 जनवरी की देर शाम कथित जमीन घोटाला केस में गिरफ्तार किया गया था. 7वें दिन 7 फरवरी को हेमंत सोरेन और कल्पना मुर्मू सोरेन की शादी की 18वीं सालगिरह थी.
कल्पना मुर्मू सोरेन पति से मिलने ईडी दफ्तर पहुंचीं.
बाहर आकर सोशल मीडिया पर लिखा कि “झारखंड के अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा के लिए हेमंत जी ने झुकना स्वीकार नहीं किया. उन्होंने षड्यंत्र से लड़ना और अपने आप को समर्पित करना ही बेहतर समझा. आज हमारी शादी की 18वीं वर्षगांठ है, पर हेमंत जी परिवार के बीच नहीं हैं. बच्चों के साथ नहीं हैं. विश्वास है कि वह इस इस षड्यंत्र को हरा विजेता बनकर हम सभी के साथ शीघ्र होंगे. कल्पना मुर्मू सोरेन ने आगे लिखा- वह एक वी झारखंडी योद्धा की जीवन साथी हैं. आज कि दिन वह भावुक नहीं होंगी. हेमंत जी की तरह ही विषम परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हुए उनके साथ और संघर्ष की शक्ति बनकर दिखाऊंगी”.
कल्पना मुर्मू सोरेन ने कैसे हेमंत सोरेन का साथ दिया
इस बात को पूरे 1 साल बीत गए.
आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी धर्मपत्नी गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने अपने वैवाहिक जीवन के 19 साल पूरे कर लिए हैं. पिछले साल आज ही के दिन कल्पना मुर्मू सोरेन ने सोशल मीडिया पर जो लिखा, उसे चरितार्थ कर दिखाया.
घर में आदर्श बहू और पत्नी की भूमिका निभाई तो बाहर सार्वजनिक सियासी रण में हेमंत सोरेन की सच्ची सिपहसालार बनकर न केवल मोर्चा संभाला बल्कि विरोधियों को धूल भी चटाई.
कल्पना मुर्मू सोरेन ने जो कहा अक्षरश: वही किया.
वह कहते हैं न वैवाहिक जीवन की गाड़ी में स्त्री और पुरुष दो समान पहिए हैं. दो अलग व्यक्तित्व होते हुए भी एक समानांतर रेखा में चलना होगा, कल्पना मुर्मू सोरेन ने हेमंत सोरेन के लिए वही करके दिखाया. वह सही मायनों में हेमंत सोरेन की अर्धांगिनी बनीं.
हेमंत सोरेन जेल में थे. वयोवृद्ध दिशोम गुरु शिबू सोरेन बीमारी के चलते सार्वजनिक जीवन से दूर हैं. सीएम हेमंत की मां रूपी सोरेन भी बीमार थीं. परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने इन विषम परिस्थितियों में बगावत कर दी. कयास लगने लगे थे कि झामुमो टूट जायेगा और तभी इस रियल लाइफ पटकथा में कल्पना मुर्मू सोरेन की एंट्री हुई.
अब तक, केवल कुछेक कार्यक्रमों में पति हेमंत सोरेन के साथ नजर आती रहीं कल्पना मुर्मू सोरेन के हाथों में परिवार और पार्टी, दोनों का बागडोर था. कल्पना मुर्मू सोरेन ने इसे बखूबी संभाला.
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के परिणाम इसकी गवाही देते हैं. तब चुनावी मंचों पर कल्पना मुर्मू सोरेन कहती भी रहीं कि वह जनता के बीच हेमंत सोरेन की आवाज हैं.
किसी भी रिश्ते में भरोसे की बहुत कीमत होती है. हेमंत सोरेन ने भी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन पर पूरा भरोसा जताया.
अब जब वह राज्य में चौथी बार और लगातार दूसरी बार सीएम बने हैं तो कल्पना मुर्मू सोरेन साए की तरह उनके साथ नजर आती हैं. चाहे वह पार्टी का स्थापना दिवस समारोह हो, कोई कॉरपोरेट न्योता हो या फिर बिजनेस समिट.
आज दोनों के साथ के 19 साल पूरे हो गए हैं लेकिन यह जानना दिलचस्प होगा कि इस साथ की शुरुआत कब और कहां हुई थी.
तो ऐसे हुई थी कल्पना मुर्मू सोरेन की तलाश
10 अगस्त 1975 को रामगढ़ के नेमरा में शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के मंझले बेटे के रूप में जन्मे हेमंत सोरेन से, 3 मार्च 1985 को पंजाब के कपूरथला में सेना के अधिकारी अम्पा मुर्मू के घर जन्मीं कल्पना मुर्मू से पहली मुलाकात की कहानी बहुत दिलचस्प है.
यह साल 2006 था. 2005 में दुमका विधानसभा सीट पर पहला चुनाव गंवा चुके हेमंत सोरेन मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ-साथ अपनी हॉबी स्केचिंग में व्यस्त हो गये थे.
पिता, शिबू सोरेन उनके विवाह के लिए रिश्ते तलाश रहे थे.
हेमंत सोरेन की बहन अंजली सोरेन की शादी ओडिशा के मयूरभंज में हुई है. यहीं, कल्पना मुर्मू सोरेन का पैतृक घर है. कैप्टन अम्पा मुर्मू यहीं के रहने वाले हैं.
कहते हैं न कि राम मिलाए जोड़ी. कल्पना मुर्मू सोरेन और हेमंत सोरेन के वैवाहिक जीवन में यह उक्ति सटीक बैठती है.
मयूरभंज में कल्पना मुर्मू सोरेन के घर के सामने अंजली सोरेन के जेठ रहा करते थे. वह एक अस्पताल में पदाधिकारी थे. इन्हें पता था कि अम्पा मुर्मू भी बेटी कल्पना के लिए रिश्ता तलाश रहे हैं. उन्होंने कैप्टन अम्पा से इसका जिक्र किया और बात अंजली सोरेन को बताई.
सबसे पहले अंजली सोरेन ने कल्पना मुर्मू को देखा. वह उन्हें भा गईं. उन्होंने फौरन पिता को इत्तिला दी.
यहां पहली बार कल्पना मुर्मू सोरेन से मिले थे सीएम हेमंत
सियासत में काफी व्यस्त रह रहे शिबू सोरेन को ओडिशा में एक शादी समारोह में शामिल होने का न्योता मिला था.
मौका भी था और दस्तूर भी.
दिशोम गुरु अपने बड़े बेटे दुर्गा सोरेन के साथ मंझले हेमंत सोरेन को भी वहां ले गये. उन्होंने कल्पना मुर्मू को देखा और ठान लिया कि यहीं उनके घर की बहू बनेंगी.
हेमंत सोरेन को भी कल्पना पहली नजर में पसंद आ गयीं. कह सकते हैं कि यह लव एट फर्स्ट साइट जैसा मामला था.
शिबू सोरेन ने फौरन कैप्टन अम्पा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और बात बन गयी. इस तरह 7 फरवरी को वैलेंटाइन वीक के पहले दिन कल्पना हमेशा-हमेशा के लिए हेमंत की हो गयीं. कल्पना मुर्मू अब बन गयीं कल्पना मुर्मू सोरेन.
कल्पना मुर्मू सोरेन ने भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. शादी के बाद रांची आईं तो ससुराल में आगे की पढ़ाई की इच्छा जाहिर की. परिवार ने सहमति दी. कल्पना मुर्मू सोरेन ने एमबीए किया.
वह एक आम गृहिणी की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही थीं. राजनीति से दूर तक सरोकार नहीं था लेकिन वह कहते हैं न कि कभी-कभी किस्मत आपको चुनती है.
कथित जमीन घोटाला केस में हेमंत सोरेन जेल गये तो कल्पना मुर्मू सोरेन ने मोर्चा संभाल लिया. और क्या बखूबी संभाला. इस जोड़े ने अपनी ताकत दिखाई. जनता का दिल जीता और विरोधियों को करारी मात दी.
कल्पना मुर्मू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अक्सर सियासी व्यस्तता के बीच परिवार के बीच बिताए छोटे-छोटे पल सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. कभी किसी मंदिर में पूजा करने का तो कभी किसी विवाह समारोह में हिस्सा लेने का. कभी व्यस्तता के बीच साथ में ब्रेकफास्ट करने का तो कभी बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का.
आज इस पावर और प्यारे कपल की शादी की 19वीं वर्षगांठ है. द फोर्थ पिलर उन्हें हार्दिक बधाई देता है.