झारखंड: ACB की कार्रवाई में 22 लाख कैश, बेशुमार जमीन… जानिये SDO और CO के ठिकाने से क्या-क्या मिले, बढने वाली है कईयों की मुश्किलें
रांची। जमीन घोटाले में अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी खत्म हो गयी है। हालांकि जांच के दौरान कुछ ऐसे खुलासे हुए हैं, जो आने वाले दिनों कई अफसरों और नेताओं की मुश्किलें बढ़ा सकता है। हजारीबाग के एसडीएम शैलेश कुमार और पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी अंचल के सीओ मनोज कुमार के 10 ठिकानों पर एसीबी ने कार्रवाई की है।
छापेमारी के दौरान हजारीबाग एसडीओ शैलेश कुमार के ठिकानों से 22 लाख नकद, 11 जमीन के डीड, 11 मोबाइल, दो लैपटॉप और एक टैब जब्त किया गया है।
इसी तरह नोवामुंडी अंचलाधिकारी मनोज कुमार के ठिकाने से धनबाद जिले में 4 डिसमिल और 6 डिसमिल जमीन के दो दस्तावेज, रांची में करीब 1.02 करोड़ का एक डुप्लेक्स संबंधी दस्तावेज और दो मोबाइल जब्त किए गए हैं।
दोनों अफसरों के बैंक खातों के ब्योरे और पासबुक भी मिले हैं। दोनों झारखंड प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं और पूर्व में रांची के बड़गाईं अंचल में बतौर सीओ पोस्टेड रहे हैं। खास बात यह है कि दोनों अफसर बड़गाईं अंचल के बहुचर्चित जमीन घोटाले में ईडी के गवाह रहे हैं।
एसीबी ने दोनों अफसरों को साथ लेकर रांची में कई जगहों पर तलाशी ली। एसीबी के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार से जांच का आदेश मिलने के बाद एसीबी ने बड़गाईं अंचल के पूर्व सीओ मनोज कुमार और शैलेश कुमार के खिलाफ जांच शुरू की है।
पूछताछ के दौरान भी कुछ अहम जानकारी एसीबी को लगी है, माना जा रहा है कि जल्द इस मामले में एक और एक्शन देखने को मिल सकता है। हजारीबाग एसडीओ शैलेश कुमार और नोवामुंडी के सीओ मनोज कुमार बड़गाई अंचल के लालू खटाल स्थित 8.86 एकड़ जमीन घोटाले में ईडी के गवाह हैं।
बड़गाईं अंचल के तत्कालीन सीओ मनोज कुमार की शिकायत पर ही सदर थाने में एक जून 2023 को तत्कालीन राजस्व निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ अंचल के कागजात में छेड़छाड़ करने, सरकारी दस्तावेज को घर में अवैध तरीके से रखने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसी प्राथमिकी में ईडी ने ईसीआइआर दर्ज की थी। इसी मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।