झारखंड: सांसद निशिकांत ने खोली मुख्यमंत्री की पोल, डेमोग्राफी चेंज को लेकर बरहेट के दिये आंकड़े, बोले, हमारे उपर इलज़ाम है कि हम…..

रांची। झारखंड में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा बडी तेजी राजनीति सुर्खियों में छाता जा रहा है। भाजपा लगातार इस मुद्दे को उठा रही है। भाजपा का सरकार पर सीधा आरोप है कि झारखंड सरकार ने चार साल के भीतर संथालपरगना में बड़ी तेजी से बांग्लादेशी घुसपैठियों की इंट्री करायी। ये बांग्लादेशी घुसपैठियों ने संथालपरगना में आदिवासी लड़कियों से शादी की। भाजपा की तरफ से इसे लेकर दस्तावेजी प्रमाण भी लगातार प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र की पोल खोली है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर ये जानकारी दी है कि कई आदिवासी महिलाओं के शौहर मुस्लिम हैं। ये सिर्फ एक इक्तेफाक नहीं हो सकता। निशिकांत दुबे ने पोस्ट में लिखा है कि यह है हमारे संथालपरगना में मुख्यमंत्री के ज़िले साहिबगंज और उनकी विधानसभा बरहेट की ज़मीनी हक़ीक़त देखिये। आदिवासी यानि संथाल अपने ही क्षेत्र संथालपरगना में अल्पसंख्यक हो रहे हैं। आवाज़ उठाने पर हमारे उपर इलज़ाम है कि हम दिन रात हिंदू मुस्लिम करते हैं । हम आवाज़ उठाएँगे,आदिवासी बहन को बचाने का क़ानून लाएँगे।

हालांकि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा कोई नयी बात नहीं है। ये दशकों से चला आ रहा है। तीन दशक पहले 10-12 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा बांग्लादेशी घुसपैठिए लगातार घुसकर यहां के आदिवासियों को बहला-फुसलाकर दान में जमीन ले रहे हैं और अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. इस कारण जिले के कई आदिवासी गांवों में आदिवासी समुदाय के लोग नजर नहीं आते।

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आदिवासी समाज के लोग भी ऐसा ही मानते हैं। आदिवासी समाज के मार्क बास्की कहते हैं कि घुसपैठियों के कारण आदिवासी समाज की संस्कृति और विरासत खत्म हो रही है और उनकी जमीन भी हड़पी जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस राज्य के आदिवासी नेताओं ने एसपीटी सीएनटी एक्ट को सही तरीके से लागू नहीं किया है। वे घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

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