झारखंड : मंईयां सम्मान: 56.62 लाख महिलाओं के खाते में आये 11,415.44 करोड़ रुपये, और किन राज्यों में लागू है स्कीम!
मंईयां सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये की पहली किश्त आज लाभुकों के खाते में भेजी गयी.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामकोम में आयोजित समारोह में दिसंबर और जनवरी को मिलाकर 2 किश्तों की राशि पूरे 5000 रुपये महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किया.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनकी धर्मपत्नी व गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव, स्कूली शिक्षा मंत्री चमरा लिंडा, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी और सांसद जोबा मांझी मौजूद थीं.यहां कई लाभुकों को सांकेतिक रूप से चेक प्रदान किया गया.
देश के हर कोने में मंईयां सम्मान की गूंज!
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समारोह में कहा कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की आवाज आज देश में हर जगह गूंज रही है. मैं सभी मंईयां को बहुत बधाई देता हूं. सीएम ने कहा कि वादे के मुताबिक आज हजारों करोड़ रुपयों की सम्मान राशि बहनों के खाते में पहुंची है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस भौतिकवादी युग में यह अभी भी चिंता का विषय है कि देश की आजादी के बाद कई नियम और नीतियां बनी लेकिन न तो गरीबी दूर हुई और ना ही महिलाओं का सशक्तिकरण हो पाया.
देश की आबादी आबादी तो हमेशा पिछड़ा रहने पर विवश हुई.
सीएम हेमंत ने कहा कि एक तरफ हम भारत को विश्व गुरु बनाने और ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लेते हैं और दूसरी ओर आधी आबादी को दरकिनार करते हैं. जब इस देश की आधी आबादी विका से कोसों दूर हो तो देश और राज्य कैसे विकास कर सकता है? यह समझ से परे है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला और पुरुष एक समान है और एक ताकत के साथ कंदे से कंधा मिलाकर काम करने की क्षमता रखते हैं. हालांकि, आज भी महिलाओं को वह ताकत नहीं मिल पाई है. उन्हें वह रास्ता नहीं मिला, जिसके माध्यम से वह खुद का और अपने घर-परिवार का विकास करते हुए राज्य और देश के विकास का हिस्सा बन पाए.
आबुआ सरकार ने राज्य की आधी आबादी को मंईयां सम्मान के साथ उन्हें वह ताकत देने का काम किया है.
विधानसभा चुनाव से 3 माह पहले हुई थी लॉन्चिंग
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले कार्यकाल में विधानसभा चुनाव के ऐलान से ठीक 3 माह पहले मंईयां सम्मान योजना लॉन्च की थी. तब इस योजना के तहत लाभुकों को प्रतिमाह 1,000 रुपये दिए जाने थे.
अगस्त से नवंबर तक महिलाओं को 4 किश्तें दी गयी.
चुनाव पूर्व कैबिनेट की बैठक में हेमंत सरकार ने योजना की राशि को बढ़ाकर 2500 करने का प्रस्ताव पास किया था. कहा था कि दिसंबर माह से यह पैसा मिलेगा. हालांकि, दिसंबर में पैसा नहीं मिल सका.
अब जनवरी में महिलाओं को 2 किश्तें के 5,000 रुपये मिले हैं. महिलाओं को 2500 रुपये की पहली किश्त देने के लिए अनुपूरक बजट की 56 फीसदी राशि खर्च की गयी है.
झारखंड के अलावा इन राज्यों में योजना संचालित
हेमंत सोरेन सरकार से पहले मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने लाडली बहना योजना के जरिए महिलाओं को 1200 रुपये दिए थे. योजना का चुनाव में निर्णायक प्रभाव रहा.
बाद में महाराष्ट्र में माझी लाडकी बहन योजना, ओडिशा में सुभद्रा योजना, छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना लॉन्च की गयी.
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने महिला सम्मान योजना ल़ॉन्च की. अब दिल्ली में कांग्रेस ने भी प्यारी दीदी योजना लॉ़न्च की है. इसमें महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा है.
बिहार में आरजेडी ने माई बहिन योजना लाने का वादा किया है. इसमें 2100 रुपये देने का वादा किया गया है.
वहीं, नीति नियंता और अर्थशास्त्री मानते हैं कि राजनीतिक दलों द्वारा यह गलत परिपाटी शुरू की गयी है. इससे राजस्व को भारी नुकसान होगा.