झारखंड: नेवी अफसर से 1 करोड़ की ठगी, महिला समेत तीन ठग गिरफ्तार, WhatsApp के जरिये इस तरह करते थे ठगी
रांची। नेवी अफसर से साइबर ठगों ने लगभग 1 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। नेवी अफसर की शिकायत के बाद रांची की साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। नेवी अफसर का नाम संजीव कुमार है। व्हाट्सऐप के जरिये साइबर अपराधियों ने उनसे संपर्क किया और राशि निवेश करने का प्रलोभन दिया। इसके बाद उन्हें व्हाट्सऐप पर एक लिंक भेजा गया, जिसके माध्यम से निवेश करने और राशि को दस गुना करने का प्रलोभन दिया गया।
साइबर अपराधियों ने व्हाट्सऐप पर भेजे गए लिंक के माध्यम से निवेश करवाने के लिए विभिन्न बैंक खाताओं में पैसे डालने को बोला। साइबर अपराधियों के झांसे में आकर उन्होंने 96.2 लाख रुपए हस्तांतरण किए। नेवी अफसर को जब ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज करायी थी। जिसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की। नेवी अफसर से 96.2 लाख रुपए की ठगी करने वाले तीन अभियुक्तों को साइबर थाना पुलिस रांची ने गिरफ्तार किया है।
इनकी गिरफ्तारी इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर गृह मंत्रालय, क्राइम ब्रांच कोलकाता पुलिस और क्राइम ब्रांच महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से की गई है। इसमें महाराष्ट्र स्थित ठाणे के भायंदर का रहने वाला पाल प्रदीप मनीराम, कोलकाता साल्टलेक का रहने वाला अजय कुमार और एक महिला अभियुक्त है। इनके पास से पुलिस ने छह मोबाइल फोन, कॉरपोरेट खाता से लिंक्ड पांच सिम, कॉरपोरेट खाता से लिंक्ड हस्ताक्षर किया 9 चेकबुक और ठगी से संबंधित चेकबुक शामिल है।
पुलिस ने पाल प्रदीप मनीराम को महाराष्ट्र से, अजय कुमार कोलकाता से और महिला को रांची से पकड़ा। साइबर थाना पुलिस ने व्हाट्सऐप चैट व लिंक की छानबीन शुरू की तो पता चला कि कांड में प्रयुक्त फर्जी इंवेस्टमेंट वेबसाइट एचटीटीपीएस:/पोएम्सवीआइपी डाॅट वीआईपी का आईपी एड्रेस अलीबाबा क्लाउड चीन का है। इनके ट्रांजेक्शन के आईपी का सर्वर जापान, हांगकांग और चीन में पाया गया। मामले में साइबर थाना में नेवी अफसर संजीव कुमार ने तीन मई को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।