झारखंड: घूसखोर अफसरों की अब संपत्ति होगी जब्त, सरकार करने जा रही है EOU का गठन, अगली कैबिनेट में लगेगी मुहर
रांची। भ्रष्टाचार के मामले में झारखंड पूरे देश में बदनाम है। घोटालों में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक के जेल जाने की यहां पुरानी परिपाटी रही है। अब राज्य सरकार अपनी छवि को सुधारने की कोशिश में है। खबर है कि भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने के लिए झारखंड में जल्द ही EOU यानि आर्थिक अपराध ईकाई का गठन किया जाना है। ये सीआईडी की तर्ज पर अपराध मामलों की जांच करेगी। जानकारी है कि अगली कैबिनेट में इसे लेकर प्रस्ताव आ सकता है।
आपको बता दें कि बिहार में पहले से ही EOU संचालित है। जितने भी रिश्वत प्रकरण व भ्रष्टाचार की जांच होती है, वो EOU के जरिये ही होती है। जानकारी आयी है कि ईओयू के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, इसे लेकर 24 मई को गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने डीजी सीआईडी को जल्द प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है।
EOU के पास काफी शक्तियां होती है, बल्कि उसे गिरफ्तारी से लेकर संपत्ति जब्त करने तक का अधिकार होगा। ये यूनिट भ्रष्टाचार, घोटाला, टेरर फंडिंग, हवाला, जमाखोरी, जाली नोट, मादक द्रव्य, प्राकृतिक संपदा तस्करी, बैंक बीमा व सिक्योरिटी फ्राड, चिटफंड कंपनी घोटाला, आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति के मामलों की जांच कर सकेगी।
हालांकि बिहार की तर्ज पर झारखंड में ईओयू के गठन के लिए 2017 से ही चर्चा है। लेकिन उसे अमल में नहीं लाया गया है। 2017 में तो सरकार के पास प्रस्ताव भी गया था, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ पाया। अब सात साल बाद एक बार फिर से कवायद शुरू हुई है। ईओयू के गठन के लिए पिछले साल 19 जुलाई को बैठक हुई थी। इसमें सहमति बनी थी कि सीआईडी के संसाधन पर आर्थिक अपराध ईकाई काम करेगी।