झारखंड: राज्य भर के पंचायत प्रतिनिधि नाराज, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
Jharkhand Panchayat representatives from across the state angry, memorandum submitted to the Chief Minister
रांची। राज्य के पंचायत प्रतिनिधियों ने झारखंड के सभी पंचायत समिति सदस्य, उप प्रमुख एवं प्रमुख को पंचायती राज अधिनियम में उल्लेखित अधिकार शत-प्रतिशत देने की मांग की है। इस संबंध में प्रदेश प्रमुख संघ की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। मनरेगा में पूर्व की तरह वित्तीय शक्ति भी मांगा है.
संघ की मांग है की बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल की तर्ज पर झारखंड में भी पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार से गांवों के विकास के लिए तीनों स्तरों मुखिया, पंचायत समिति एवं जिला परिषद सदस्यों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने की मांग की। ऐसा होने से ही विकास की गति तेज हो पाएगी।
आंदोलन की दी चेतावनी
संध का कहना है कि बिहार में अब भी पहले वाला नियम चल रहा है, जबकि झारखंड में इसे बदल दिया गया है। ऐसे में झारखंड में भी राज्य सरकार अविलंब पूर्व की व्यवस्था को लागू करते हुए पंचायत समिति के तीस फीसदी, जिला परिषद को 20 प्रतिशत व मुखिया को 50 फीसदी तक करने की मांग की हे। ऐसा नहीं होने पर संघ ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
क्या है मामला
संध ने कहा कि मनरेगा में पहले पंचायत समिति को 30 प्रतिशत, जिला परिषद को 20 प्रतिशत व मुखिया को 50 फीसदी तक योजनाओं का क्रियावयन कराने और वित्तीय शक्त्यिां प्रदान की गयी थी लेकिन पूर्व में भाजपा की सरकार आने के बाद जब रधुवर दास मुख्यमंत्री बने तो उनके कार्यकाल में 100 फीसदी वित्तीय अधिकार मुखिया को दे दिया गया. ऐसे में पंचायत समिति व जिला परिषद अधिकार विहिन हो गये.