झारखंड पुलिस ने जारी किया अलर्ट : साइबर अपराध मामले में फिंगर प्रिंट और रेटीना स्कैन के बारे साझा की जानकारी

रांची : झारखंड में साइबर अपराध के इतने मामले बढ़ रहे हैं इसे लेकर पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। सोशल मीडिया के जरिए भी अलर्ट किया जा रहा है। झारखंड के अलग-अलग थानों में दर्ज होने वाले मामले में 20% मामले साइबर अपराध से जुड़े होते हैं। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से हर दिन किसी की कमाई को उड़ा लेते हैं। इतना ही नहीं साइबर अपराध फिंगरप्रिंट और स्कैन के जरिए भी लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं ।लगातार आ रहे मामलों को देखते हुए झारखंड पुलिस की तरफ से ट्विटर और सोशल मीडिया पर फिंगरप्रिंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

पुलिस ने अपील की है कि वह संदिग्ध या अनाधिकृत साइटों पर फिंगरप्रिंट यार रैटिना स्कैन ना करें। रांची पुलिस ने ट्वीट के जरिए आम लोगों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति वेवसाइट आधार प्रमाणीकरण की मांग करें तो आप जल्दी बाजी ना करें और तुरंत साइबर पुलिस को सूचित करें। इसके लिए आप साइबर हेल्प लाइन नंबर भी सूचना दे सकते हैं। साइबर क्राइम ब्रांच के अनुसार सभी लोगों को जानना आवश्यक है कि आधार प्रमाणीकरण के लिए आप अपना बायोमेट्रिक देते हैं तो आपको नहीं पता होता है कि अब पैसे निकालने के लिए अनुचित तरीके से प्रयोग किया जा सकता है इसमें वित्तीय धोखाधड़ी की पूरी संभावना रहती है।

सावधानी के टिप्स जारी

साइबर पुलिस के अनुसार बायोमेट्रिक जानकारी बहुत ही संवेदनशील और गोपनीय है। साइबर अपराधी अनाधिकृत वेबसाइटों से अंगूठे के निशान सहित बायोमैट्रिक डाटा चुरा लेते हैं। वह सिलिकॉन पर डुप्लीकेट प्रिंट बनाते हैं और पीड़ित के आधार पर लिंक कर बैंक खाते से पैसे निकालते हैं। यू आई डी आई की वेबसाइट और एम आधार एप्लीकेशन के माध्यम से अपने आधार से बायोमेट्रिक लिंक को तुरंत ब्लॉक कर दे। आधार की जानकारी की शिक्षा साझा ना करें। यदि बिना जानकारी के आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से धोखाधड़ी हो गई है तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित बैंक और 1947 पर कॉल करके दें।

HPBL Desk
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