हड़ताल का ऐलान: 12000 रुपये में घर कैसे चलायें सीएम साहब! मानदेय बढ़ायें और नियमितिकरण करें, 108 एंबुलेंसकर्मियों ने कर दिया कल से हड़ताल का ऐलान

रांची। झारखंड के 108 एंबुलेंसकर्मियों ने नियमितिकरण व मानदेय में बढोत्तरी की गुहार लगायी है। मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में एबुलेंसकर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वो कल से यानि 27 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। दरअसल प्रदेश के 108 एंबुलेंसकर्मी स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कहे जाते हैं, उनकी मदद से ही प्रदेश के लाखों मरीजों की जिंदगी की सांसें जिंदा रहती है, ऐसे में उनके अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है।

मुख्यमंत्री के सौंपे ज्ञापन की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री को भी सौंपी गयी है। ज्ञापन में कहा गया है कि झारखण्ड में संचालित 108 एम्बुलेन्स सेवा जो स्वास्थ्य लेकर अति महत्त्वपूर्ण सेवा है। 108 एम्बुलेन्स सेवा में 04 कर्मी कार्यरत होते है, जिसमें दो इमरजेन्सी टेक्नीशियन और दो ड्राईवर होते हैं। इन कर्मचारियों को एक पाली में बारह घंटे अपनी ड्यूटी देनी होती है। हेल्थ इमरजेंसी पर तुरंत अलर्ट होना पड़ता है। हर कॉल अलर्ट पर तीस सकेण्ड में मुवमेंट करना होता है।

करोनाकाल में जान जोखिम में डालकर 108 एम्बुलेन्स कर्मियों ने अपने सेवाभाव का परिचय दिया है। मरीज को अस्पताल तक पहुँचाने, अस्पताल से हाई सेन्टर रेफर किये जाने की सूरत में हरपल एंबुलेंसकर्मी तैयार रहते हैं। इतनी तत्परता, सेवाभाव और निष्ठा दिखाने के बाजवदू आज तक एंबुलेंसकर्मी उचित मानदेय के लिए भटक रहे हैं। सरकार सिर्फ आश्वासन के बूते उन्हें छलने का काम कर रही है। कोरोना योद्धा बताकर एक माह के अतिरिक्त मानदेय के भुगतान की बात कही गयी, लेकिन आज तक मानदेय भुगतान नहीं किया गया।

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बढ़ती महंगाई में इतने कम मानदेय में ना तो बच्चों की परवरिश हो पाती है और ना ही परिवार चल पाता है। स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की ड्यूटी 8-8 घंटे की होती है, लेकिन एंबुलेंसकर्मी 12-12 घंटे की नौकरी के बाद भी अपने हक से वंचित हैं। उन्हें मानदेय के तौर पर सिर्फ 12 हजार 918 रूपये दिया जाता है। एंबुलेंसकर्मियों ने इसे शासन की अनदेखी बताया है। यही नहीं मानदेय के अलावे पीएफ व ईएसआई से भी उन्हें वंचित किया जाता है। कार्यरत कम्पनी की तरफ से बीमा तक नहीं दिया जाता, ताकि आपात स्थिति में कुछ सहारा मिल सके। एंबुलेंसकर्मियों ने सरकार से 30,000-35,000 प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था करते हुए स्थायीकरण की मांग की है।

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