झारखंड टीचर भर्ती : हाईकोर्ट के आदेश के बाद जानिये अब क्या होगा, अभ्यर्थियों से जुड़े हर सवाल का जवाब पढ़िये

रांची। झारखंड में शिक्षक भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के आये फैसले के बाद अब परीक्षार्थियों के जेहन में तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। कोर्ट ने ये फैसला दिया है कि झारखंड में शिक्षक भर्ती में अब सीटेट पास अभ्यर्थी भी भर सकेंगे, वहीं दूसरे राज्यों से टेट पास करने वाले अभ्यर्थियों को भी आवेदन का मौका मिलेगा। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद JSSC के अधिकृत निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि आयोग के सूत्र बताते हैं कि आयोग इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों से विचार विमर्श करेगा।

हाईकोर्ट के आदेश पर सीटेट और अन्य राज्यों से टेट पास करने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका दिये जाने का मतलब ये हुआ कि अब JSSC को नये सिरे से विज्ञापन जारी करना होगा। जाहिर है नोटिफिकेशन नये सिरे से जारी होने के बाद बहाली की प्रक्रिया लंबी चली जायेगी। पहले ये दावा किया जा रहा था कि अगले महीने JSSC की तरफ से शिक्षकों की भर्ती परीक्षा ले ली जायेगी। सूत्र बताते हैं कि आयोग कोर्ट के फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा। हालांकि ये तय है कि JSSC को आवेदन की अब लिंक फिर से ओपन करनी होगी।

संभावित तारीख 12 से 31 जनवरी तक कही जा रही थी, लेकिन अगर विज्ञापन जारी नये सिरे से किया गया, तो सब कुछ टालना पड़ जायेगा। वहीं गैर पारा शिक्षकों के लिए भी अब कंपीटिशन काफी ज्यादा बढ़ जायेगा। दरअसल सरकार ने 26,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापक योजना बनाई थी। कुल 12,888 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति पारा शिक्षकों से की जाएगी। 13,133 सहायक शिक्षकों के पद गैर पारा शिक्षक वर्ग से भरे जाएंगे। ऐसे में पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों पर तो ज्यादा दिक्कत नहीं आयेगी, लेकिन अन्य राज्यों के अभ्यर्थी को मिली अनुमति के बाद गैर पारा शिक्षकों की कैटगरी में काफी ज्यादा आवेदन आयेंगे।

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में 26 हजार सहायक शिक्षकों (आचार्य) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर बुधवार को अहम आदेश पारित किया. इसके मुताबिक दूसरे राज्यों की टेट (टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट) परीक्षा या सीटेट (सेंट्रल टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट) परीक्षा पास अभ्यर्थी भी इस नियुक्ति परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. हालांकि, अदालत ने यह शर्त लगाई है कि सीटेट और दूसरे राज्यों से टेट की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी अगर शिक्षक पद पर नियुक्त होते हैं, तो उन्हें 3 साल के अंदर जेटेट की परीक्षा पास करनी होगी।अगर राज्य सरकार 3 सालों में जेटेट की परीक्षा नहीं आयोजित कर पाती है, तो वह उक्त शर्त से मुक्त हो जाएंगे। अभ्यार्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा में परीक्षा की तैयारी के लिए 3 माह का समय भी दिया जायेगा।

अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को प्रत्येक साल टेट की परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। बता दें कि राज्य में वर्ष 2016 के बाद से जेटेट की परीक्षा नहीं ली गई है और राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया जा रहा है, जिसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि ऐसे में कई अभ्यर्थी नियुक्ति में शामिल होने से वंचित हो रहे हैं। जिस पर अदालत में उक्त आदेश पारित किया है।

HPBL Desk
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