…इन्हें तो बोरे में बंद कर गुजरात के समंदर में फेंकने की जरूरत है, संथाल परगना को अलग करने की बात पर भड़के हेमंत सोरेन, निशिकांत दुबे ने किया पलटवार

Jharkhand News: झारखंड में विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू है। इसी महीने या फिर अगले महीने के पहले सप्ताह में कभी भी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। इधर चुनाव से पहले झारखंड की राजनीति गरमायी हुई है।

पिछले दिनों निशिकांत दुबे ने संसद में डेमोग्राफी चेंज और बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए संथालपरगना, बिहार के कुछ हिस्से और बंगाल को मिलाकर केंद्र शासित राज्य बनाने की मांग की थी। अब उस मामले में झारखंड की राजनीति गरमा गयी है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में तीखा बयान दिया है, जिसके बाद भाजपा की तरफ से भी पलटवार किया गया है। दरअसल बुधवार को अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के ये राजनीतिक गिद्ध अब संताल परगना और बिहार को मिलाकर अलग राज्य बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को बोरे में बंद कर गुजरात के समंदर में फेंकने की जरूरत है। एक तरफ पूंजीपतियों की जमात है और दूसरी तरफ गरीब।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोकसभा में जिस तरह इन्हें झारखण्ड में सीख मिली है ऐसी ही सीख विधानसभा में भी देने की जरूरत है। जहां लोग झगड़ा करते हैं वहीं इनकी राजनीतिक रोटी पकती है, जहां लोग शांति से रहते हैं वहां इनकी राजनीतिक रोटी नहीं पकती। इन्हें षड्यंत्र का मुंह तोड़ जवाब देना है।

मुख्यमंत्री ने लोकसभा में जीतने वाले बयान पर पलटवार करते हुए गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि लोकसभा में 14 में 9 सीट हम जीते हैं। आदिवासी समाज की जनसंख्या 48 प्रतिशत से घटाकर 28 करने के बाद जोड़ घटाव भी भूल गए हैं। 9 सीट वाला हार गया लेकिन 5 सीट वाला जीत गया। दिमाग़ सठियायाना इसी को कहते हैं।

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