झारखंड में कौन तोड़ेगा रिकॉर्ड: हेमंत सोरेन और अर्जुन मुंडा में है टाई, इस चुनाव में रिकॉर्ड टूटेगा या नया सितारा चमकेगा, पढ़िये रिपोर्ट

Jharkhand Election: आज से ठीक 48 दिन बाद ये पता चल जायेगा, कि झारखंड का ताज किसके सर पर सजने वाला है। इस बार कई मायनों में झारखंड का चुनाव अहम होने वाला है। पहली बार जहां NDA तीन पार्टियों के साथ गठबंधन करने जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ से इंडी गठबंधन भी इस बार नये गठजोड़ के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है।

झारखंड के इतिहास को देखें तो पिछले 24 साल में इस राज्य ने 13 मुख्यमंत्रियों की ताजपोशी देखी है। इस प्रदेश में 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा है, तो 3 मुख्यमंत्रियों में 3-3 बार मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने रिकार्ड भी टाई है।

पहले मुख्यमंत्री- बाबूलाल मरांडी

झारखंड के लिए सबसे ज्यादा उथल पुथल का वर्ष 2009 से 2013 के बीच रहा, जब 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा। बाबूलाल मरांडी झारखंड प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे।

उन्होंने 15 नवंबर 2000 को शपथ लिया था, जिसके बाद उन्होंने उन्होंने रामगढ़ विधानसभा सीट से वर्ष 2000 में उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वो 18 मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. उनका कार्यकाल 2 साल 123 दिन का था।

दूसरे मुख्यमंत्री- अर्जुन मुंडा

झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में अर्जुन मुंडा ने शपथ ली। अर्जुन मुंडा खरसांवा से चुनाव जीते थे। अर्जुन मुंडा ने 18 मार्च 2003 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. वह 2 मार्च 2005 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. उनका कार्यकाल 1 साल 349 दिन का रहा।

तीसरे मुख्यमंत्री – शिबू सोरेन

झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने का श्रेय जिस दिशोम गुरु शिबू सोरेन को दिया जाता है, उन्हें झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। हालांकि वो सिर्फ 10 दिन ही मुख्यमंत्री रह सके। 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले शिबू सोरेन को 12 मार्च 2005 को इस्तीफा देना पड़ गया।

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चौथे मुख्यमंत्री – अर्जुन मुंडा

शिबू सोरेन के इस्तीफा देने के बाद अर्जुन मुंडा फिर मुख्यमंत्री बने। 12 मार्च 2005 को उन्होंने शपथ ली। 18 सितंबर 2006 तक वह इस पद पर रहे। इस बार उनका कार्यकाल 1 साल 190 दिन का रहा।

पांचवे मुख्यमंत्री – मधु कोड़ा

फिर झारखंड की राजनीति ने करवट ली, लेकिन इस बार चमत्कार हो गया। देश में पहली बार कोई निर्दलीय मुख्यमंत्री बन गया। ये करिश्मा किया मधु कोड़ा ने। 18 सितंबर 2006 को कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन से मधु कोड़ा 18 सितंबर 2006 को झारखंड के मुख्यमंत्री बने।

कोड़ा जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उनका कार्यकाल 27 अगस्त 2008 तक रहा। वह 1 साल 343 दिन झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।

छठे मुख्यमंत्री – शिबू सोरेन

मधु कोड़ा के बाद शिबू सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। 27 अगस्त 2008 को शिबू सोरेन फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन वो इस बार भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 145 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने 19 जनवरी 2009 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।

पहली बार- राष्ट्रपति शासन

19 जनवरी 2009 को पहली बार झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा, जो 30 दिसंबर 2009 (345 दिन) तक रहा।

सातवें मुख्यमंत्री- शिबू सोरेन

साल 2009 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में शिबू सोरेन ने जामताड़ा से चुनाव जीता। शिबू सोरेन 30 दिसंबर 2009 को फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार वह 1 जून 2010 तक पद पर रहे. इस बार उनका अब तक का सबसे लंबा 153 दिन का कार्यकाल रहा।

दूसरी बार- राष्ट्रपति शासन

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शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. 1 जून 2010 से 11 सितंबर 2010 तक यानी 102 दिन तक झारखंड में राष्ट्रपति शासन रहा।

आठवें मुख्यमंत्री- अर्जुन मुंडा

राष्ट्रपति शासन खत्म होने के बाद अर्जुन मुंडा की 11 सितंबर 2010 को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बाद ताजपोशी हुई। हालांकि अर्जुन मुंडा भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

तीसरी बार- राष्ट्रपति शासन

18 जनवरी 2013 को एक बार फिर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा, जो 13 जुलाई 2013 यानी 176 दिन तक रहा।

नौंवे मुख्यमंत्री – हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री बने। दुमका विधानसभा सीट से निर्वाचित झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक झारखंड के सीएम रहे। मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 1 साल 168 दिन का रहा।

दसवें मुख्यमंत्री- रघुवस दास

रघुवर दास के नाम झारखंड में बड़ा रिकार्ड है। वो इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। वो 5 साल 1 दिन तक पद पर रहे। साल 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी ने रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार का गठन किया।

रघुवर दास पूर्वी सिंहभूम जिले की जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे। उन्होंने 28 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वह 29 दिसंबर 2019 तक पद पर रहे।

ग्यारहवें मुख्यमंत्री – हेमंत सोरेन

2019 चुनाव में भाजपा की करारी हुई उसे महज 25 सीट मिली। दूसरी तरफ झामुमो ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन कर सरकार बनायी। दुमका और बरहेट से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने।

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उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। ईडी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें 2 फरवरी 2024 को इस्तीफा देना पड़ा। वो 4 साल 35 दिन तक मुख्यमंत्री रहे।

12वें मुख्यमंत्री – चंपाई सोरेन

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो ने सरायकेला के विधायक चंपाई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया। चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली और हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्हें पद से हटा दिया गया। इस तरह चंपाई सोरेन 153 दिन तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।

तेरहवें मुख्यमंत्री – हेमंत सोरेन

चंपाई सोरेन को हटाकर हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। 4 जुलाई 2024 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। वो अभी भी मुख्यमंत्री हैं।

अब देखना होगा कि ये हेमंत सोरेन और अर्जुन मुंडा में से कोई सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड बनायेगा? या फिर इस बार कोई और नया चेहरा झारखंड की सियासत में जगमगायेगा।

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