हेमंत सोरेन ने क्यों कहा? “…इनको गांव में घुसने नहीं देना है। ये लोग पैसा, हड़िया, शराब लेकर घुसेगा”, दे दी ये बड़ी चुनौती
रांची। झारखंड में डेमोग्राफी चेंज को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है। भाजपा इसे लेकर काफी आक्रामक है, दूसरी तरफ झामुमो की तरफ से इसे लेकर तीखा पलटवार चल रहा है। मुख्यमंत्री ने डेमोग्राफी चेंज को भाजपा को चुनौती दे दी है।
संथालपरगना में डेमोग्राफी चेंज को लेकर लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा है कि डेमोग्राफी खराब करने और बांग्लादेशी घुसपैठिए की बात करेंगे। मैं उनको कहना चाहूंगा कि जाकर भारत सरकार का आंकड़ा निकाल कर देख लें कि कौन से जिला, कौन से राज्य में, किस तरह से आंकड़ों में बदलाव हुआ है।
जहां लोग एक साथ अमन चैन से रहते हैं वह इनको अच्छा नहीं लगता है। जहां-जहां लोग लड़ते हैं वहां इनकी राजनीति रोटी पकती है। इसलिए इनको गांव में घुसने नहीं देना है। ये लोग पैसा, हड़िया, शराब लेकर घुसेगा। यह आरएसएस के लोग चूहे की तरह अंदर-अंदर घुसकर हमारे समाज को तोड़ने का काम करेंगे।
इन्हें भी आप लोगों को पहचान कर रखने की जरूरत है ताकि आने वाला चुनाव में हमारे लोगों से कोई गलती ये लोग ना करा सके। मिलकर इन्हें करारा जवाब देना है।
बीजेपी का क्या है आरोप
बीजेपी का आरोप है कि झारखंड जब बिहार से अलग हुआ था तब आदिवासियों की जनसंख्या 36 फीसदी है। सच्चाई ये है कि आज झारखंड में आदिवासियों की संख्या 26 फीसदी से भी कम हुई है। झारखंड में इंडी अलायंस की सरकार है। जेएमएम और कांग्रेस की सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि यहां सभी लोग चुनकर आएं हैं। हर जगह वोटर्स की संख्या बढ़ी है, लेकिन गोड्डा में आदिवासियों की जनसंख्या 10 प्रतिशत घट गई, इसकी चिंता किसी को नहीं है। चिंता तो संविधान की है क्योंकि वोट की राजनीति जो करनी है।
बीजेपी ने पहले से ही साफ कर दिया है कि संथाल परगना में डेमोग्राफिक चेंज को विधानसभा चुनावों में पार्टी बड़ा मुद्दा बनाएगी. पार्टी के साहेबगंज से विधायक अनंत ओझा ने आरोप लगाया था कि सरकार के तुष्टिकरण नीति के कारण बंगाल से सटे तमाम जिलों का परिवेश बदल रहा है. सदन के अंदर और बाहर इस मुद्दा को उठाने के बाद भी इसकी अनदेखी सरकार लगातार कर रही है, सिर्फ वोटबैंक के राजनीति के कारण ऐसा हो रहा है।