झारखंड : निशिकांत दुबे पर क्यों भारी पड़ गये संजय सेठ? अन्नपूर्णा देवी बनी कैबिनेट मंत्री, संजय सेठ ने राज्य मंत्री के तौर पर ली शपथ, जानिये समीकरण

Jharkhand: Why did Sanjay Seth overshadow Nishikant Dubey? Annapurna Devi becomes Cabinet Minister, Sanjay Seth takes oath as Minister of State, know the equation

रांची। झारखंड से दो-दो मंत्रियों ने मोदी 3.0 कैबिनेट में अपनी जगह बनायी है। कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी जहां कैबिनेट मंत्री बनी है, तो वहीं रांची से सांसद चुने गये संजय सेठ को राज्य मंत्री बनाया गया है। संजय सेठ का नाम थोड़ा चौकाने वाला रहा है। पहले अटकलें थी कि निशिकांत दुबे को मोदी 3.0 में मौका मिल सकता है, लेकिन जातिगत समीकरण में निशिकांत पर संजय सेठ भारी पड़ गये। लिहाजा लगातार जीत के बावजूद निशिकांत दुबे को कैबिनेट से बाहर रहना पड़ गया।

जहां तक अन्नपूर्णा देवी का सवाल है तो वो पहले से ही मोदी कैबिनेट की मजबूत दावेदार रही थी। वो पहले भी अन्नपूर्णा देवी मोदी कैबिनेट की हिस्सा रही थी। इस बार कोडरमा सीट से दोबारा जीतने के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट में मौका मिला है। वहीं संजय सेठ को अनुभव का फायदा मिला है। इसी साल झारखंड में विधानसभा चुनाव भी होना है, लिहाजा झारखंड के समीकरणों को ध्यान में रखकर कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया गया है।

कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी और रांची सांसद संजय सेठ दोनों सांसद दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। अन्नपूर्णा देवी यादव समाज से आती है। चुनाव में ओबीसी वर्ग को लुभाने के लिए भाजपा ने अन्नपूर्णा देवी के चेहरे को मौका दिया है। सांसद संजय सेठ के जरिए वैश्य समुदाय, जनजातीय समाज और अन्य को साधने की तैयारी है।2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं। राजद में रहने के दौरान उन्हें लालू प्रसाद यादव की करीबी नेताओं में से एक माना जाता था।

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बीजेपी में उन्हें संगठन और सरकार दोनों में बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गई। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें पहले झारखंड प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया था। बाद में बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हरियाणा का सह प्रभारी भी बनाया गया था। वह झारखंड और बिहार से चार बार विधायक भी रह चुकी हैं।

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